एक फरवरी 2025 को संसद में आम बजट पेश हो सकता है. बजट को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट की तैयारियां शुरू कर दी है. उन्होंने किसानों, कृषि एक्सपर्ट्स और कृषक संगठनों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने कृषि क्षेत्र की जरुरतों और किसानों के हितों के बारे में बात की.
वित्त मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में किसानों के हितों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई. खास तौर पर किसानों की वित्तीय स्थिति को सुधारने और उनकी उत्पादकता को बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की गई. भारत कृषक समाज के अध्यक्ष अजय वीर जाखड़ ने उत्पादकता और किसानों के हितों को मजबूत करने के लिए निवेशकों को आकर्षित करने की आवश्यकता की बात की.
किसान यूनियनों और कृषि संगठनों ने की ये मांग
- किसानों ने पीएम किसान सम्मान निधि को 6000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये करने की मांग की है. मांग पहले भी उठाई गई थी. किसानों ने बैठक में कहा कि इस मांग को प्राथमिकता दी जाए.
- छोटे किसानों को भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत लाने और जीरो प्रीमियम पर इंश्योरेंस उपलब्ध कराने की मांग की.
- कृषि उपकरणों, उर्वरकों, दवाईयों और बीज को जीएसडी के दायरे से हटाने की मांग की है.
- किसान लोन की ब्याज दर को घटाकर किसानों ने एक प्रतिशत करने की सिफारिश की.
- किसानों ने सुझाव दिया कि चना, सोयाबीन, और सरसों के लिए जैसी विशेष फसलों के लिए हर साल 1000 करोड़ रुपये के निवेश की रणनीति के बारे में बात की.
वित्त मंत्री ने दी प्रतिक्रिया
वित्त मंत्री ने किसानों की मांगों को गंभीरता से सुना. उन्होंने इस पर विचार करने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि अगर बजट में इन मांगों के लिए गुंजाइश रहती है तो पीएम किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाई जा सकती है. इसके अलावा, योजनाओं में सुधार और नई नीतियों को शामिल करने की उम्मीद जताई.