EPFO लाया नया बदलाव, कर दी नौकरी बदलने वालों की ये टेंशन खत्म, नॉमिनी को भी लाभ

EPFO New Rule: EPFO ने नौकरी बदलने वाले कर्मचारियों और उनके परिवारों को बड़ी राहत दी है. इसके लिए कुछ नए बदलाव किये हैं, आइए जानते हैं सबकुछ.

EPFO New Rule: EPFO ने नौकरी बदलने वाले कर्मचारियों और उनके परिवारों को बड़ी राहत दी है. इसके लिए कुछ नए बदलाव किये हैं, आइए जानते हैं सबकुछ.

author-image
Yashodhan Sharma
New Update
EPFO New Rule

EPFO New Rule

EPFO New Rule: कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने एक अहम सर्कुलर जारी किया है, जिससे नौकरी बदलने वाले कर्मचारियों को बड़ा लाभ मिलेगा. EPFO के इस नए फैसले से अब वीकेंड या सरकारी छुट्टियों की वजह से सर्विस में ब्रेक नहीं माना जाएगा. इससे खासतौर पर डेथ क्लेम और बीमा से जुड़े मामलों में होने वाले विवाद काफी हद तक खत्म हो जाएंगे.

Advertisment

छुट्टी नहीं बनेगी सर्विस ब्रेक की वजह

अब तक कई ऐसे मामले सामने आते रहे हैं, जहां एक कर्मचारी ने एक कंपनी छोड़ी और दूसरी कंपनी जॉइन की, लेकिन बीच में शनिवार, रविवार या कोई सरकारी छुट्टी आ जाने की वजह से उसकी सर्विस को टूटा हुआ मान लिया गया. इसका सीधा नुकसान कर्मचारी के परिवार को होता था. सर्विस ब्रेक दिखाकर कई बार एम्प्लॉइज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस (EDLI) और पेंशन से जुड़े दावे खारिज कर दिए जाते थे या फिर कम रकम दी जाती थी.

इन छुट्टियों को नहीं माना जाएगा ब्रेक

EPFO ने अपने सर्कुलर में साफ किया है कि अगर नौकरी बदलते समय बीच में सिर्फ वीकली ऑफ, नेशनल हॉलीडे, गजटेड हॉलीडे, स्टेट हॉलीडे या रिस्ट्रिक्टेड हॉलीडे आते हैं, तो इसे सर्विस में ब्रेक नहीं माना जाएगा. इतना ही नहीं, अगर कर्मचारी के एक रोजगार खत्म होने और दूसरे रोजगार की शुरुआत के बीच अधिकतम 60 दिनों का अंतर भी है, तब भी सर्विस को लगातार माना जाएगा.

क्यों लिया गया ये फैसला

EPFO के मुताबिक, यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि कई मामलों में अधिकारियों द्वारा सर्विस की गणना सही तरीके से नहीं की जा रही थी. मामूली गैप के चलते मृतक कर्मचारी के परिवार को बीमा और अन्य सामाजिक सुरक्षा लाभों से वंचित होना पड़ता था. नए नियम से इस तरह की गड़बड़ियों पर रोक लगेगी.

नॉमिनी को भी लाभ

इसके साथ ही EPFO ने EDLI स्कीम के तहत मिलने वाली न्यूनतम राशि को भी बढ़ा दिया है. अब नॉमिनी या कानूनी वारिस को कम से कम 50 हजार रुपये का भुगतान किया जाएगा, भले ही कर्मचारी ने 12 महीने की लगातार सर्विस पूरी न की हो या पीएफ खाते में औसत बैलेंस 50 हजार रुपये से कम हो.

यहां भी लागू होगा नया नियम

नया नियम उन मामलों में भी लागू होगा, जहां कर्मचारी की मौत उसके आखिरी पीएफ योगदान के छह महीने के भीतर हो जाती है, बशर्ते उसका नाम नियोक्ता के रिकॉर्ड में दर्ज हो. कुल मिलाकर EPFO का यह कदम कर्मचारियों के परिवारों को आर्थिक सुरक्षा देने की दिशा में बड़ा और राहत भरा फैसला माना जा रहा है.

यह भी पढ़ें: EPFO में होने वाला है बड़ा बदलाव, 15 हजार से बढ़कर 30,000 होगी सैलरी? देखें ये रिपोर्ट

epfo Utilities
Advertisment