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File Photo (Freepik)
Jeevika Didi Scheme: महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार विभिन्न योजनाएं लेकर आती है. इन योजनाओं का लाभ देश की करोड़ों महिलाओं को दिया जाता है. केंद्र सरकार के साथ-साथ देश के अलग-अलग राज्यों की सरकारें भी महिलाओं के लिए योजनाएं लेकर आती हैं.
बिहार सरकार भी महिलाओं को अलग-अलग स्तर पर मदद मुहैया करवाती है, जिससे महिलाओं के जीवन को सुधारा जा सके और समाज में उनकी हिस्सेदारी बढ़ाई जा सके. इसी कड़ी में एक योजना के तहत जीविका दीदी बनाया जाता है.
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महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने का माध्यम है योजना
महिलाओं के लिए बिहार में जीविका दीदी सिर्फ एक योजना नहीं है बल्कि आत्मनिर्भर बनाने का माध्यम है. यहां महिलाएं जीविका दीदी के रूप में अपनी एक अलग पहचान बना सकती हैं. गांव-गाव में चल रही है इस पहल का उद्देश्य है कि महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी हों और घर-परिवार से लेकर समाज में भी मजबूत भूमिका निभा सकें.
महिलाओं को वेतन नहीं मिलता
जीविका दीदी बनने के लिए महिलाओं को खुद स्वयं सहायता समूह से जुड़ना होता है. ये समूह गांवों में मिलकर काम करने वाला महिलाओं का समूह होता है, जो छोटे-छोटे कारोबार से शुरू होते हैं और धीरे-धीरे आगे बड़े स्तर पर काम करते हैं. हालांकि, इस स्कीम के तहत महिलाओं को सीधे वेतन नहीं मिलता है.
महिलाओं को तीन प्रकार से मिलता है लोन
जीविका दीदियों को आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए सरकार ने जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड बनाया है. इसे एक बैंक की तरह चलाया जागा और शुरुआत में तीन प्रकार के लोन महिलाओं को उपल्बध करवाए जाएंगे. महिलाएं अपने छोटे कारोबारों, खेती सहित अन्य जरूरतों के लिए आसानी से लोन ले सकती हैं. महिलाओं को योजना के तहत 15 हजार, 75 हजार और अधिकतम दो लाख रुपये तक का लोन मिलेगा. 12 प्रतिशत सालाना इसका ब्याज दर तय किया गया है.
लोन चुकाने के लिए दिया समय सीमा
महिलाओं को लोन चुकाने के लिए भी समय दिया गया है. 15 हजार का लोन महिलाओं को एक साल में, 75 हजार का लोन महिलाओं को दोल साल में तो दो लाख का लोन तीन साल में चुकाने के लिए कहा गया है. सरकार ने लोन चुकाने के लिए इतनी समय सीमा इसलिए दी है कि उन्हें ज्यादा दबाव में न आना पड़े और आराम से किस्त चुका सकें.