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ममता बनर्जी का बड़ा दांव- बंगाल में विधान परिषद के गठन का रास्ता साफ!

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्ती ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने मंगलवार को विधानसभा में राज्य में विधान परिषद (Legislative Council) बनाने का प्रस्ताव पेश किया, जिसको मंजूरी मिल गई.

Updated on: 06 Jul 2021, 06:25 PM

highlights

  • ममता बनर्जी ने विधानसभा में विधान परिषद बनाने का प्रस्ताव पेश किया
  • विधान परिषद प्रस्ताव के पक्ष में 196 सदस्यों ने अपना वोट किया
  • पश्चिम बंगाल में लगभग 50 साल पहले विधान परिषद हुआ करती थी

कोलकाता:

पश्चिम बंगाल में विधान परिषद के गठन का रास्ता लगभग साफ हो गया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने मंगलवार को विधानसभा (West Bengal Legislative Assembly) में राज्य में विधान परिषद (West Bengal Legislative Council resolution ) बनाने का प्रस्ताव पेश किया, जिसको मंजूरी मिल गई. प्रस्ताव के पक्ष में 196 सदस्यों ने अपना वोट किया, जबकि विरोध में केवल 69 वोट ही पड़े. आपको बता दें कि ममता बनर्जी ने बंगाल विधानसभा चुनाव (Bengal Assembly Election) के दौरान विधान परिषद का गठन करने का वादा किया था. बंगाल में 2 जुलाई से विधानसभा का सत्र शुरू हुआ है.

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पश्चिम बंगाल में विधानसभा की 294 सीटें

जानकारी के अनुसार पश्चिम बंगाल में विधानसभा की 294 सीटें हैं. विधान परिषद का गठन होने पर उसमें 98 सीटें होंगी. ऐसा इस लिए क्योंकि विधान परिषद की सीटों की संख्या विधानसभा की सीटों की संख्याव से एक तिहाई से ज्यादा नहीं हो सकती. हालांकि संख्या बल पर ममता बनर्जी ने विधान परिषद का प्रस्ताव विधानसभा से पास करा लिया है, लेकिन इसको संसद के दोनों सदनों की कसौटी पर भी खरा उतरना होगा. दरअसल, इस प्रस्ताव पर लोकसभा (Lok Sabha) और राज्यसभा (Rajya Sabha) पर चर्चा होगी और इसको यहां से भी बहुमत के साथ पास कराना होगा. इस तरह से मोदी सरकार की मंजूरी के बिना पश्चिम बंगाल में विधान परिषद का गठन नहीं हो सकेगा.

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पश्चिम बंगाल में 50 साल पहले हुआ करती थी विधान परिषद

आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में लगभग 50 साल पहले विधान परिषद हुआ करती थी, लेकिन बाद में इसको खत्म कर दिया गया. देश की आजादी के बाद 5 जून 1952 को पश्चिम बंगाल में 51 सदस्यों वाली विधान परिषद का गठन किया गया था. जबकि  21 मार्च 1969 को इस व्यवस्था को खत्म कर दिया गया था. ममता बनर्जी जैसे ही 2011 में सत्ता में आई तो उन्होंने विधान परिषद के गठन का वादा किया था.