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West Bengal Explosion( Photo Credit : social media )
पश्चिम बंगाल-ओडिशा सीमा पर खड़ीकुल गांव में कृष्णापाड़ा बाग उर्फ भानु बाग के घर से चल रही फैक्ट्री में बड़ी मात्रा में संदिग्ध बारूद रखा हुआ था. पूर्वाह्न 11:35 बजे हुए विस्फोट का प्रभाव ऐसा था कि अवैध इकाई का ढांचा ढह गया. स्थानीय निवासियों के अनुसार, वे एक जोरदार विस्फोट की आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे, लेकिन जगह-जगह क्षत-विक्षत शव बिखरे पड़े थे. राज्य सचिवालय नबन्ना में एक संवाददाता सम्मेलन में, सीएम ममता बनर्जी ने पुलिस के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) द्वारा घटना की जांच का आदेश देने के लिए तत्परता दिखाई, जबकि राज्य में प्रमुख विपक्षी दल, भाजपा ने राष्ट्रीय जांच की मांग की एजेंसी ने मामले को टेकओवर किया. अधिकारियों ने बताया कि कार्रवाई शुरू होने के बावजूद फैक्ट्री के मालिक ने अवैध रूप से पटाखे बनाना जारी रखा.
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पुलिस टीम के साथ ग्रामीणों का एक समूह भिड़ गया
साथ ही, विस्फोट स्थल का दौरा करने वाली पुलिस टीम के साथ ग्रामीणों का एक समूह भिड़ गया और उन्हें खदेड़ दिया. कुछ पुलिसकर्मियों को हाथापाई में चोटें आईं, यह दावा किया गया था. सीएम ममता बनर्जी ने मृतकों के परिवारों के लिए 2.5 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों के परिजनों के लिए 1 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा करते हुए कहा कि उन्हें एनआईए जांच से कोई आपत्ति नहीं है.
धमाका आगामी पंचायत चुनाव के लिए देसी बम बनाते समय हुआ
हालांकि, विपक्ष मामूली पटाखा विस्फोट की थ्योरी को मानने को तैयार नहीं है. बीजेपी का आरोप है कि धमाका आगामी पंचायत चुनाव के लिए देसी बम बनाते समय किया गया. इसी तरह पूर्व आईपीएस डॉ. नजरुल इस्लाम ने भी राज्य सरकार की भूमिका पर सवाल उठाया. वह मामले की एनआईए जांच की मांग करता है, क्योंकि राज्य पुलिस तटस्थ है और निष्पक्षता से जांच नहीं कर सकती है.
Source : News Nation Bureau