पश्चिम बंगाल में कुछ महीनों के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच टकराहट बढती जा रही है.दोनों राजनीतिक दल खासे आक्रामक तरीके से आमने सामने हैँ. मंगलवार, 9 फरवरी को जहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी माटी उत्सव से अपने सियासी पांसे चलाएंगी वही दूसरी ओर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा अपनी प्रस्तावित रथ यात्रा के जरिए प्रदेश के राजनीतिक पारे का तापमान बढाएंगे. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी,' मां, माटी और मानुष' नारे की सवारी कर सत्ता में आईं थीं.इसी सियासत को जारी रखते हुऐ उन्होंने 2013 में माटी उत्सव की शुरूआत की थी.
इस माटी उत्सव को माटी तीर्थ पर मनाया जाता है. इस बार यह उत्सव पश्चिम बंगाल अंतर्गत पूर्वी बर्दवान जिले के कालना रोड स्थित जिला कृषि फार्म मैदान में मनाया जाएगा. यह आठचां माटी उत्सव होगा. इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी करेंगी इसकी तैयारियों जोरण्शोर से चल रही है.
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मुख्यमंत्री के कृषि सलाहकार के मुताबिक 9 फरवरी को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दोपहर 12 बजे सबसे पहले कालना में एक जनसभा में भाग लेंगी. उस जनसभा के बाद वह दोपहर 2 बजे तक बर्दवान के इस माटी उत्सव का उद्घाटन करने आयेंगी..
किसान सम्मान पर कोरोना का असर
इस वर्ष कोरोना वायरस संक्रमण के कारण किसान सम्मान समारोह नहीं होगा हालांकि, कुछ किसानों को अलग से सम्मानित करने की योजना है. वैसे माटी उत्सव में हर बार यह कायर्क्रम आयोजित होता है. इस सम्मान कार्यक्रम में हर वर्ष विभिन्न ब्लॉकों के किसानों को सम्मान के लिए चुना जाता है. सम्मान कृषि की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुऐ दिया जाता है. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री हर साल इस माटी उत्सव परिसर से कई परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करती हैं वह कृषि परिसर में कृषि सहायक उपकरण प्रशिक्षण केंद्र और छात्र निवास का उद्घाटन करेंगी इस बार सीएम ममता इस भूमि पर बने विधानचंद्र कृषि विश्वविद्यालय के हिस्से के विस्तार का भी उद्घाटन करेंगी
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जिला प्रशासन के सूत्रों के अनुसार चूंकि माटी उत्सव को लेकर निर्माण कार्य युद्धस्तर पर शुरू किया गया है. इस बार मेला परिसर में विभिन्न प्रकार के स्टाल नहीं लगेंगे लेकिन यह पता चला है कि कृषि और किसानों से संबंधित सभी स्टॉल और अन्य समय जैसे कि चर्चा बैठकें प्रदर्शनियां आदि सभी आयोजित किए जाएंगे. जानकारों का मानना है कि ममता के इस माटी उत्सव का चुनावों पर असर अवश्य होगा और शायद भाजपा ने ममता के माटी कवच को तोडने के लिए ही मंगलवार को अपनी चुनावी सभाएं आयोजित की हैं.
HIGHLIGHTS
- किसान सम्मान पर कोरोना का असर
- मुख्यमंत्री ममता बनर्जी,' मां, माटी और मानुष' नारे की सवारी कर सत्ता में आईं थीं.
- माटी उत्सव का चुनावों पर असर अवश्य होगा
Source : News Nation Bureau