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सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर केंद्र सरकार, चुनाव आयोग और सीबीआई को किया तलब

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार की उस याचिका को स्वीकार किया, जिसमें चुनाव के बाद हिंसा के मामलों की सीबीआई जांच का निर्देश देने वाले कलकत्ता HCके आदेश को चुनौती दी गई है.

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Pradeep Singh
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SUPREME COURT

सुप्रीम कोर्ट( Photo Credit : News Nation)

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पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा पर पक्ष-विपक्ष आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहते हैं. लेकिन अब पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट दाखिल हो  गया है. चुनावों के बाद हुई हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, चुनाव आयोग और सीबीआई को नोटिस भेज जवाब तलब किया है. शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार की याचिका पर यह कदम उठाया है. सुप्रीम कोर्ट 7 अक्टूबर को अगली सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार की उस याचिका को स्वीकार किया, जिसमें चुनाव के बाद हिंसा के मामलों की सीबीआई जांच का निर्देश देने वाले कलकत्ता HCके आदेश को चुनौती दी गई है.

जस्टिस विनीत सरन और अनिरुद्ध बोस ने कहा कि राज्य ने जनहित याचिका याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी करने का मामला बनता है. इसके आधार पर हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया था. कपिल सिब्बल ने सीबीआई की कार्यवाही पर रोक लगाने कि मांग की थी. इस पर कोर्ट ने कहा कि हम दूसरे पक्ष को सुने बिना कोई आदेश नहीं जारी करेंगे.

ममता सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को दी है चुनौती

ममता बनर्जी की सरकार को करारा झटका देते हुए उच्च न्यायालय की पांच जजों की बेंच ने सीबीआई जांच का आदेश दिया था. इसके अलावा कलकत्ता हाई कोर्ट ने हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए एसआईटी के गठन का भी आदेश दिया था. बंगाल की तृणमूल सरकार की ओर से हिंसा की घटनाओं की सीबीआई जांच का विरोध किया गया था. हाई कोर्ट ने बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा के दौरान हुए हत्या, बलात्कार के मामलों की सीबीआई जांच का आदेश दिया था. इसके अलावा अन्य अपराधों की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया है. सीबीआई और एसआईटी की जांच उच्च न्यायालय की निगरानी में होगी. कोर्ट ने सीबीआई को 6 सप्ताह के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है.

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सुप्रीम कोर्ट ने इन 2 याचिकाओं पर केंद्र सरकार, चुनाव आयोग और सीबीआई को नोटिस भेजा है. पहली याचिका में कहा गया है कि चुनावों के बाद बंगाल के हजारों हिंदुओं को भाजपा का समर्थन करने की वजह से मुस्लिमों ने निशाना बनाया. इस याचिका में कहा गया है कि इस हमले की वजह हिंदुओं को कुचलना था ताकि आने वाले सालों में भी बंगाल में दूसरे वर्ग की पसंद वाली सरकार बने. दूसरी याचिका में कहा गया है कि चुनावों के बाद तृणमूल कार्यकर्ताओं ने अराजकता, अस्थिरता पैदा कर दी. इन्होंने हिंदुओं के घरों को जला दिया और लूटपाट की. इसके पीछे सामान्य सी वजह थी कि इन लोगों ने भाजपा का समर्थन किया था.

जांच करने गई मानवाधिकार टीम पर हमला हुआ था

चुनाव के बाद हिंसा के मामलों की जांच के लिए 29 जून को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की टीम बंगाल पहुंची थी. जांच टीम के सदस्य आतिफ रशीद ने बताया कि जांच के दौरान यह पाया गया कि यहां 40 से ज्यादा घरों को नुकसान हुआ है. इसी दौरान हम पर गुंडों ने हमला कर दिया. पुलिस पर भी हमला किया.  
 
29 जून को ही भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा में हमारे 1298 कार्यकर्ताओं पर हमला हुआ है. 1399 प्रॉपर्टी को उजाड़ा गया. 108 परिवारों को धमकाया गया. 2,067 शिकायतें हमने चुनाव आयोग में दर्ज कराईं. पुलिस के पास भी हिंसा से जुड़ी 5,650 शिकायतें दर्ज कराई गई हैं.
 

HIGHLIGHTS

  • बंगाल हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, चुनाव आयोग और सीबीआई को नोटिस भेजा
  • शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार की याचिका पर यह कदम उठाया है
  • कोर्ट ने कहा कि हम दूसरे पक्ष को सुने बिना कोई आदेश नहीं जारी करेंगे

 

Mamta Banerjee Modi Government NHRC Supreme Court of India
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