बंगाल में एक नई हिंदूवादी पार्टी का उदय, बीजेपी के लिए परेशानी

हिंदू समहति नाम के एक संगठन ने एक नई पार्टी का ऐलान किया है. इस संगठन ने अपनी पार्टी का नाम जन समहति रखा है. इस पार्टी की नजर हिंदू वोटरों पर है.

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
Hindu Samhati

2019 का चुनाव साथ लड़ी थी बीजेपी के. ( Photo Credit : न्यूज नेशन)

अप्रैल-मई में पश्चिम बंगाल (West Bengal) में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन सियासी उठा-पटक का हर रोज एक नया दांव देखने में आ रहा है. हाल-फिलहाल तो भारतीय जनता पार्टी सूबे में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की पेशानी पर बल देती आ रही है. यह अलग बात है कि रविवार को सूबे की सियासत में एक और पार्टी की एंट्री से मामला रोचक हो सकता है. हिंदू समहति नाम के एक संगठन ने एक नई पार्टी का ऐलान किया है. इस संगठन ने अपनी पार्टी का नाम जन समहति रखा है. इस पार्टी की नजर हिंदू वोटरों पर है. पार्टी ने ऐलान किया है कि वह बंगाल में कम से कम 170 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. इस एक औऱ हिंदुत्ववादी पार्टी के चुनावी समर में उतरने से बीजेपी (BJP) की राह थोड़ी मुश्किल भरी जरूर हो सकती है. 

Advertisment

आरएसएस के तपन घोष ने की थी स्थापना
प्राप्त जानकारी के मुताबिक रविवार को हिंदू समहति ने अपना फाउंडेशन डे मनाया और इसी दिन बंगाल में चुनाव लड़ने का ऐलान भी कर दिया. इस संगठन की पैठ बंगाल के कई जिलों में है. खासकर बंगाल के दक्षिणी इलाकों में इसकी पकड़ खासी मजबूत है. साल 2008 में इस संगठन की स्थापना तपन घोष ने की थी. तपन घोष राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रचारक थे. हिंदू समहति भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ आवाज उठाती रही है. पहली बार 2017 में ये संगठन सुर्खियों में आया था. उस वक्त बसरिहार दंगों के दौरान दो नाबालिग को तपन घोष ने कानूनी मदद दी थी. बता दें कि पिछली बारी यानी 2019 के चुनाव में इस पार्टी ने बीजेपी को अपना समर्थन दिया था, लेकिन अब संगठन ने अपना मन बदल दिया है और वह बीजेपी के ही वोट बैंक में सेंध लगाने की फिराक में है.

यह भी पढ़ेंः Greta Toolkit: क्लाइमेट एक्टिविस्ट! भारत की छवि बिगाड़ने की 'दिशा'

फिलहाल किसी पार्टी से गठबंधन नहीं
जन समहति के अध्यक्ष देवतनु भट्टाचार्य ने हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत करते हुए कहा, 'हिंदू समहति एक स्वतंत्र संगठन के रूप में काम करती रहेगी. जन समहति को एक राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत किया गया है. हम उत्तर बंगाल में 40 और दक्षिण बंगाल में 130 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. अभी हमारे पास दूसरे दलों से गठबंधन की कोई योजना नहीं है. हमने 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा का समर्थन किया था, लेकिन तब से लेकर अब तक हालात बदल गए हैं. बंगाल में सत्ता में आने पर आम लोगों को इसकी कीमत चुकानी पड़ती है. हिंदुओं ने भाजपा में अपना विश्वास खो दिया है.'

यह भी पढ़ेंः  IPL 2021 Auction : आईपीएल 2021 ऑक्‍शन के 5 नियम जान लीजिए

'बीजेपी का झूठा वादा'
देवतनु भट्टाचार्य ने आगे कहा, 'भाजपा नए नागरिकता कानून और एनआरसी पर झूठे वादे कर रही है. असम और त्रिपुरा के कई हिंदू संगठन हमारे संपर्क में हैं. असम में डिटेंशन कैंप में हिंदू मारे जा रहे हैं. बंगाल में, पिछड़े मटुआ समुदाय, जिसने नागरिकता संशोधन अधिनियम को लागू करने की मांग की, उन्हें वोट के लिए मोहरे के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है.'

HIGHLIGHTS

  • बंगाल की सियासत में आया एक नया ट्विस्ट
  • एक और हिंदुत्व पार्टी जन समहति का उदय
  • बीजेपी का राह में डाल सकती है मुश्किलें
पीएम नरेंद्र मोदी West Bengal अमित शाह हिंदुत्ववादी पार्टी Bengal Politics BJP बंगाल की राजनीति ममता बनर्जी नए समीकरण चुनाव Mamta Banerjee RSS पश्चिम बंगाल Kailsah Vijayvargiya amit shah PM Narendra Modi New Entry Hindu Samhati
      
Advertisment