ममता बनर्जी के भतीजे अभीषेक बनर्जी की पत्नी नहीं पहुंचीं ईडी दफ्तर, भेजा जवाब
अभिषेक बनर्जी और उनके परिवार के साथ संबंध रखने वाली दो कंपनियां- लीप्स एंड बाउंड प्राइवेट लिमिटेड और लीप्स एंड बाउंड मैनेजमेंट सर्विसेज एलएलपी को लगभग 4.37 करोड़ रुपये प्रोटेक्शन फंड के तौर पर मिले थे.
highlights
- ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की पत्नी आज ईडी दफ्तर नहीं पहुंची
- ममता ने कहा था, हम जानते हैं आप हमारे खिलाफ ईडी का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं
- ईडी द्वारा नोटिस भेजे जाने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने लगाया मोदी सरकार द्वारा राजनीतिक विरोधियों को डराने का आरोप
नई दिल्ली:
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की पत्नी आज ईडी दफ्तर नहीं पहुंची. आज उन्हें ईडी कार्यालय पहुंचना था लेकिन वो वहां नहीं पहुंचीं. ईडी को भेजे अपने जवाब में उन्होंने कहा कि दिल्ली आने में वो असमर्थ हैं.ईडी ने कथित तौर पर पाया था कि अभिषेक बनर्जी और उनके परिवार के साथ संबंध रखने वाली दो कंपनियां- लीप्स एंड बाउंड प्राइवेट लिमिटेड और लीप्स एंड बाउंड मैनेजमेंट सर्विसेज एलएलपी को लगभग 4.37 करोड़ रुपये प्रोटेक्शन फंड के तौर पर मिले थे. यह पैसा एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के जरिए उन आरोपियों ने दिए थे जिनकी कोयला तस्करी मामले में जांच चल रही है.
ईडी द्वारा नोटिस भेजे जाने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने इसे मोदी सरकार द्वारा राजनीतिक विरोधियों को डराने का आरोप लगाया था. गौरतलब है कि नोटिस जारी होने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर जमकर निशाना साधते हुए कहा था कि अगर हमें ED का डर दिखाओगे तो हम भी केंद्रीय एजेंसी को बीजेपी नेताओं के खिलाफ सबूत भेजेंगे. ईडी ने ममता बनर्जी, उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी को नोटिस भेजा है. कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने डायमंड हार्बर से टीएमसी सांसद और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी को तलब किया है.
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ममता ने कहा था, आप हमारे खिलाफ ईडी का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं, हम जानते हैं कि आपसे कैसे लड़ना है, हम गुजरात के इतिहास को भी जानते हैं. आपके एक केस के खिलाफ हम झोला भरकर मामले उठाएंगे. कोयले में भ्रष्टाचार के लिए तृणमूल पर उंगली उठाने का कोई फायदा नहीं है. यह केंद्र के अधीन है. इसके मंत्रियों के बारे में क्या है? उन भाजपा नेताओं के बारे में क्या है जिन्होंने बंगाल, आसनसोल क्षेत्र के कोयला बेल्ट को लूट लिया.
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा में राजनीतिक प्रतिद्वंदिता विधानसभा चुनाव के समय अपने चरम पर पहुंच गयी थी. उस दौरान दोनों दल एक दूसरे पर जमकर कीचड़ उछाले. भाजपा ने टीएमसी के ढेर सारे नेताओं को अपनी पार्टी में लाकर विधानसभा का टिकट दिया. लेकिन दल-बदल करने वाले अधिकांश नेता चुानव नहीं जीत सके. ममता ने तीसरी बार बंगाल विधानसभा चुनाव जीतकर मोदी-शाह की जोड़ी को राजनीतिक शिकस्त दिया था.
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