पीएम मोदी की मीटिंग पर भड़कीं ममता, बोलीं- बोलने तक नहीं दिया
कोरोना की स्थिति का जायजा लेने के लिए पीएम मोदी ने आज कोरोना से ज्यादा प्रभावित 10 राज्यों के 54 जिलाधिकारियों के साथ संवाद किया. जिसमें उन्होंने जिले में पैदा हुए हालात की जानकारी ली. इस बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुईं.
highlights
- पीएम पर ममता ने लगाए गंभीर आरोप
- कहा- बैठक में बोलने नहीं दिया गया
नई दिल्ली:
देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर की रफ्तार अब जाकर थोड़ी धीमी पड़ी है. हालांकि कई राज्यों में कोरोना (COVID-19) संक्रमण अभी भी बेकाबू स्थिति में हैं. कोरोना की स्थिति का जायजा लेने के लिए पीएम मोदी (PM Modi) ने आज कोरोना से ज्यादा प्रभावित 10 राज्यों के 54 जिलाधिकारियों के साथ संवाद किया. जिसमें उन्होंने जिले में पैदा हुए हालात की जानकारी ली. इस बैठक की सबसे खास बात ये रही कि इस बैठक में पश्चिम बंगाल के जिलाधिकारियों की जगह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) शामिल हुईं.
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प्रेस कांफ्रेंस करके पीएम पर हमला किया
इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पीएम मोदी पर हमला किया. प्रेस कांफ्रेंस में ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि बैठक में 10 राज्यों के सीएम मौजूद थे, जब बतौर सीएम मैं वहां पर थीं तो हमने डीएम को वहां शामिल नहीं होने दिया. ममता ने आरोप लगाया कि बैठक में सिर्फ बीजेपी के कुछ सीएम और पीएम मोदी ने अपनी बात रखी, हमको बोलने नहीं दिया गया.
'कुठपुतली की तरह बैठे रहे हम'
ममता बनर्जी ने कहा कि 'बैठक के बाद कई राज्यों के मुख्यमंत्री अपमानित महसूस कर रहे हैं, क्योंकि प्रधानमंत्री ने मीटिंग के लिए मुख्यमंत्रियों को बुलाया, लेकिन इस दौरान वह कुठपुतली की तरह बैठे रहे और किसी को भी बोलने का मौका नहीं मिला.' उन्होंने कहा, 'संघीय ढांचे के लिए यह दुखद है कि मुख्यमंत्री को आधिकारिक रूप से आमंत्रित किए जाने के बावजूद बोलने नहीं दिया गया.'
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केंद्र ने संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाया
उन्होंने कहा कि गैर बीजेपी शासित राज्यों के सभी मुख्यमंत्री सिर्फ चुपचाप बैठे रहे, किसी ने कुछ नहीं कहा. हमको वैक्सीन की डिमांड रखनी थी, लेकिन बोलने ही नहीं दिया गया. ममता ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाया है. ऑक्सीजन, दवाई, वैक्सीन कुछ भी उपलब्ध नहीं है. अगर केंद्र के फॉर्मूले पर चले तो इनके लिए दस साल इंतजार करना होगा.
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