प्रवर्तन निदेशालय (Photo Credit: News Nation)
कोलकाता:
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोलकाता पुलिस पर जालसाजी और संयुक्त निदेशक कपिल राज को उनकी सहमति के बिना आवाज का नमूना उपलब्ध कराने के अदालती आदेश को गढ़ने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज की है. ईडी के अधिकारियों ने दिल्ली पुलिस को शिकायत दी है. कोलकाता पुलिस के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में "जालसाजी और अदालत के आदेश को गढ़ने" का आरोप लगाया गया है. दरअसल, 2021 में, तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी के खिलाफ कोयला तस्करी मामले पर चर्चा करते हुए ईडी अधिकारियों का एक ऑडियो क्लिप सामने आया.तब ममता बनर्जी के भतीजे ने ऑडियो क्लिप को लेकर एजेंसी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.इस मामले को कोलकाता में एक मजिस्ट्रेट की अदालत ने उठाया था.
ED has filed an FIR against Kolkata Police, accusing it of forgery and fabrication of a court order to make Joint Director Kapil Raj provide a voice sample without his consent. ED officials have given a complaint to the Delhi police.
— ANI (@ANI) April 29, 2022
हालांकि, परेशानी तब शुरू हुई जब अदालत ने विवादास्पद क्लिप में कथित तौर पर सुने गए ईडी अधिकारियों की आवाज के नमूने मांगे. कोलकाता पुलिस ने अदालत के आदेश को ईडी को भेजा, लेकिन कथित तौर पर उसमें कुछ संपादन कर दिया था. अदालत ने आवाज का नमूना मांगा, लेकिन उसने एक महत्वपूर्ण पहलू - सहमति का भी उल्लेख किया. कोलकाता की अलीपुर अदालत ने ईडी के अधिकारियों, खासकर संयुक्त निदेशक कपिल राज को कोलकाता पुलिस के सामने पेश होने और उनकी सहमति से आवाज के नमूने देने को कहा.कपिल राज कोयला और मवेशी तस्करी के उन मामलों की जांच की निगरानी भी कर रहे हैं जिनमें अभिषेक बनर्जी वित्तीय जांच एजेंसी की जांच के दायरे में हैं.
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"कोलकाता पुलिस ने विभिन्न चैनलों के माध्यम से कई बार अदालत के आदेश की प्रति भेजी. जब हमने अदालत का दरवाजा खटखटाया और मूल आदेश की प्रति प्राप्त की, तो यह उल्लेख किया गया था कि एक आवाज का नमूना केवल तभी लिया जा सकता है जब अधिकारी अपनी सहमति दे.ईडी के एक सूत्र ने बताया कि सहमति वाला हिस्सा कोलकाता पुलिस द्वारा भेजे गए आदेश की प्रति में नहीं था, जो जालसाजी के बराबर है. ईडी के अनुसार, कोलकाता पुलिस द्वारा भेजे गए आदेश में सहमति का कोई उल्लेख नहीं था- ईडी ने आरोप लगाया कि एक छलावा, अपने अधिकारियों को कोलकाता पुलिस का पालन करने के लिए मजबूर करने के लिए.
अवैध कोयला खनन कार्यों की जांच को लेकर बंगाल पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के बीच एक तीव्र लड़ाई लड़ी जा रही है, जिसमें कथित तौर पर अभिषेक बनर्जी शामिल हैं, जिनकी जांच अवैध खदान संचालकों से भुगतान प्राप्त करने के लिए की जा रही है. ईडी ने बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा को मामले में पूछताछ के लिए कई बार तलब किया है.हालांकि टीएमसी सांसद एजेंसी के सामने पेश हुए, लेकिन उन्होंने कुछ को छोड़ भी दिया.