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बंगाल में तत्काल केंद्रीय बल तैनात किए जाएं: कैलाश विजयवर्गीय

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सत्ता में लौटने के लिए ‘‘हिंसा पर निर्भर’ रहने का आरोप लगाते हुए भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि तत्काल केंद्रीय बलों को तैनात किया जाना चाहिए.

Updated on: 13 Dec 2020, 07:35 PM

बोलपुर:

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सत्ता में लौटने के लिए ‘‘हिंसा पर निर्भर’ रहने का आरोप लगाते हुए भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने रविवार को कहा कि राज्य में ‘वर्तमान राजनीतिक हिंसा एवं आतंक के माहौल’ पर ‘पूर्ण विराम’ लगाने के लिए तत्काल केंद्रीय बलों को तैनात किया जाना चाहिए. अगले साल अप्रैल-मई में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा के बंगाल के रणनीतिकार ने चुनाव आयोग से स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित कराने की अपील की और कहा कि भय एवं हिंसा की कोई जगह नहीं होनी चाहिए.

विजयवर्गीय ने बीरभूम जिले के शांतिनिकेतन में यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ ममता बनर्जी को मालूम है कि उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गयी है इसलिए वह हिंसा की ताकत पर राज्य में सत्ता में लौटने का प्रयत्न कर रही हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं चुनाव आयोग से राज्य में राजनीतिक हिंसा एवं आतंक के माहौल पर पूर्ण विराम लगाने के लिए अभी से ही केंद्रीय बल तैनात करने की अपील करता हूं.’’

भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा के काफिले पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कथित कार्यकर्ताओं द्वारा हमला किये जाने को लेकर दोनों दलों के बीच वाकयुद्ध चल रहा है. बृहस्पतिवार को नड्डा जब कोलकाता से दक्षिण 24 परगना जिले के डायमंड हार्बर जा रहे थे, तब उन पर हमला हुआ था. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नड्डा पर भीड़ के हमले को लेकर शनिवार को तीन आईपीएस अधिकारियों की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति मांगी थी. ये तीन अधिकारी भोलानाथ पांडे (डायमंड हार्बर के पुलिस अधीक्षक, प्रवीण त्रिपाठी (उपमहानिरीक्षक, प्रेसीडेंसी रेंज) और राजीव मिश्रा (अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, दक्षिण बंगाल) नौ और दस दिसंबर को पश्चिम बंगाल की यात्रा कर रहे भाजपा अध्यक्ष की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार थे.

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तृणमूल कांग्रेस ने शनिवार को घोषणा की थी कि पश्चिम बंगाल के तीन आईपीएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजने के वास्ते उन्हें मुक्त करने पर ‘आखिरी निर्णय’ राज्य सरकार का ही होगा. पार्टी ने नड्डा के काफिले पर भीड़ के हमले के बाद तीनों आईपीएस अधिकारियों के तबादले के गृह मंत्रालय के आदेश को ‘धौंसबाजी’ करार दिया.

गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस प्रमुख को समन जारी कर केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के समक्ष पेश होकर नड्डा के काफिले पर हमले के संबंध में स्पष्टीकरण देने को कहा था. लेकिन ममता बनर्जी सरकार ने उन समन को खारिज कर दिया था. उसके एक दिन बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह कदम उठाया.

राज्यपाल जगदीप धनखड़ द्वारा राज्य की कानून व्यवस्था के बारे में रिपोर्ट भेजे जाने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने समन जारी किया था. रविवार को भाजपा महासचिव ने 24 दिसंबर को विश्व भारती के स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल कार्यक्रम के बारे में चर्चा करने के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति विद्युत चक्रवर्ती से भेंट की.

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इस विश्वविद्यालय की आधारशिला 22 दिसंबर, 1918 को शांतिनिकेतन में एक विशेष समारोह में रखी गयी थी. बाद में विजयवर्गीय ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘गुरूदेव रविंद्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित विश्वभारती के कुलाधिपति प्रधानमंत्री डिजिटल माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित करने वाले हैं. हमने तौर तरीकों पर चर्चा की.

यह अनौपचारिक बैठक थी. विश्वविद्यालय के सूत्रों ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने 24 दिसंबर को कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया जहां पश्चिम बंगाल के राज्यपाल, केंद्रीय शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री को आमंत्रित किया जाएगा तथा प्रधानमंत्री डिजिटल माध्यम से उसका उद्घाटन करेंगे. भाजपा सूत्रों ने बताया कि विजयवर्गीय विश्वविद्यालय के कार्यक्रम से पहले अगले सप्ताह केंद्रीय गृहमंत्री की इस शहर की प्रस्तावित यात्रा से पूर्व इंतजामों का निरीक्षण करने के लिए बोलपुर आये थे.