बीजेपी ने बंगाल में 'जय श्रीराम' नारे के चक्रव्यूह में ममता बनर्जी को फिर उलझाया?
ममता बनर्जी की 'जय श्रीराम' के प्रति चिढ़न अब बीजेपी के लिए एक चुनावी मौका बन चुकी है. जय श्रीराम के नारों पर ममता बनर्जी के भड़क उठने को बीजेपी ने अल्पसंख्यक तुष्टीकरण से जोड़ा है.
कोलकाता:
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले 'जय श्रीराम' का नारा ममता बनर्जी के लिए गले की फांस बन गया है. 'जय श्रीराम' का नारा सुनकर कई मौकों पर ममता बनर्जी अपना आपा भी खो चुकी है. शनिवार को भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर कोलकाता में कार्यक्रम के दौरान ममता बनर्जी 'जय श्रीराम' के नारे पर बिफर गईं. बीजेपी के जय श्रीराम के नारों ने ममता को एक बार फिर उलझा दिया. ममता बनर्जी की 'जय श्रीराम' के प्रति चिढ़न अब बीजेपी के लिए एक चुनावी मौका बन चुकी है. जय श्रीराम के नारों पर ममता बनर्जी के भड़क उठने को बीजेपी ने अल्पसंख्यक तुष्टीकरण से जोड़ा है.
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बीजेपी का कहना है कि राज्य के मुस्लिमों को खुश करने के लिए जयश्री राम के नारों को ममता बनर्जी अपमान मानती हैं. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय का कहना है कि जय श्रीराम के नारे से स्वागत को ममता बनर्जी अपमान मानती हैं. विजयवर्गीय का कहना है, 'ममता ने बहुत ही पवित्र मंच पर 'जय श्रीराम' के नारे पर राजनैतिक एजेंडा सेट किया. अल्पसंख्यकों को खुश करने की तुष्टिकरण की नीति है. नेताजी की 125वीं जयंती के मंच जहां प्रधानमंत्री उपस्थित हो, वहां चुनाव को देखते हुए राजनैतिक एजेंडा सेट करने की हम निंदा करते हैं.'
हालांकि मालूम हो कि पश्चिम बंगाल में यह पहला मौका नहीं है, जब जय श्रीराम के नारों पर सियासी घमासान मचा है. इससे पूर्व भी जयश्री राम के नारों पर गुस्से के कारण ममता बनर्जी सुर्खियों में रह चुकीं हैं. मई, 2019 में उत्तरी 24 परगना जिले के भाटपारा से काफिले के गुजरने के दौरान कुछ लोगों के नारा लगाने पर भी ममता बनर्जी भड़क उठीं थीं. तब उन्होंने गाली देने का आरोप लगाते हुए आठ लोगों को गिरफ्तार करा दिया था. यह घटना तब काफी सुर्खियों में रही थी और बीजेपी ने बड़ा मुद्दा बनाया था.
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अब एक बार फिर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती समारोह में जय श्रीराम के नारों के लगने से नाराज हुईं ममता के भाषण देने से इनकार को बीजेपी ने अब अवसर में बदल लिया है और इसे बड़ा मुद्दा बनाया है. राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि बीजेपी जय श्रीराम के नारों के जरिए हिंदुत्व के एजेंडे को बंगाल में धार दे रही है. मगर, ममता की नाराजगी से बीजेपी के एजेंडे को और धार मिल रही है. ममता नारों को नजरअंदाज भी कर सकतीं हैं, लेकिन गुस्सा जताकर वह बीजेपी का काम और आसान कर रहीं.
(इनपुट - आईएएनएस)
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