उत्तराखंड की मातृशक्ति को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक और ऐतिहासिक कदम उठाने जा रहे हैं. अपने कार्यकाल के पांचवें वर्ष में सीएम धामी प्रदेश की महिलाओं को एक ठोस महिला नीति का उपहार देने जा रहे हैं. यह राज्य की पहली महिला नीति होगी, जिसे जल्द ही कैबिनेट में लाया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने पिछले चार वर्षों में महिलाओं को सशक्त करने के लिए कई योजनाओं और आरक्षणों के जरिए ठोस पहल की है. सरकारी नौकरियों से लेकर सहकारी समितियों तक में महिलाओं को आरक्षण देकर नेतृत्व की मुख्यधारा में लाने का काम किया गया है.
सरकारी नौकरियों में 30% आरक्षण
राज्य की महिलाओं को सरकारी नौकरी में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण फिर से बहाल किया गया है. इसका लाभ उन्हीं महिलाओं को मिलेगा जो उत्तराखंड की मूल निवासी हैं. यह आरक्षण 10 जनवरी 2023 से विधिवत रूप से लागू हो चुका है और इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं.
सहकारी समितियों में महिलाओं को मिला नेतृत्व
सरकार ने सहकारी समितियों में 33 प्रतिशत आरक्षण देकर ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को नेतृत्व के नए अवसर दिए हैं. पहले जहां निकाय और पंचायतों में महिला आरक्षण लागू था, वहीं अब सहकारी समितियों में भी महिला नेतृत्व का रास्ता खुल गया है. इसे ग्रामीण विकास की दिशा में एक 'गेम चेंजर' कदम माना जा रहा है.
स्वरोजगार योजनाओं से मिला नया संबल
महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में भी सरकार ने उल्लेखनीय कार्य किया है. महिला सारथी योजना, लखपति दीदी योजना, ड्रोन दीदी योजना, मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव और एकल महिला स्वरोजगार योजना जैसे नवाचारों ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर दिया है. महिला सारथी योजना को देहरादून जिले में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया गया है, जहां महिलाएं ऑटो और टू-व्हीलर चला रही हैं.
जल्द आएगी महिला नीति
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "मातृशक्ति उत्तराखंड के समाज की रीढ़ है. हमारा मानना है कि महिलाओं को सशक्त किए बिना समाज की प्रगति संभव नहीं. हम जल्द ही राज्य की पहली महिला नीति लेकर आ रहे हैं, जो महिलाओं के लिए एक दीर्घकालिक रोडमैप तैयार करेगी.
इस नीति के जरिए महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सुरक्षा के क्षेत्रों में और अधिक मजबूत करने की तैयारी है. यह पहल न सिर्फ उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बन सकती है.
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