बागेश्वर जिले में इस साल मानसून की शुरुआत के साथ ही पिंडारी, कफनी और सुंदरढूंगा ग्लेशियर रूट पर पर्यटकों की आवाजाही रोक लगाई गई है. वन विभाग ने विगत 15 जून के बाद से इन क्षेत्रों को यात्रा के लिए बंद कर दिया गया है. लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन की आशंका को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है. आपको बता दें कि ग्रीष्म ऋतु शुरू होते ही 15 अप्रैल से जिले के पिंडारी, सुंदरदूंगा और कफनी ग्लेशियर को रोमांच के शौकीनों के लिए खोल दिया जाता है.
15 जून तक देसी-विदेशी पर्यटक यहां ट्रैकिंग करने पहुंचते हैं. सबसे अधिक लोग पिंडारी ग्लेशियर की सैर करते हैं. सुंदरदुगा और कफनी क्षेत्र में साहसिक अभियान वाले ही जाते हैं. ग्लेशियरों की सैर पर जाने वालों का वन विभाग की हिचीड़ी और जैकुनी चौकी पर पंजीकरण कराया जाता है. पंजीकरण कराने के बाद ही आगे की सैर हो सकती है. मानसून की शुरूआत होते ही वन विभाग ने पंजीकरण कार्य रोक दिया है. अब इन चौकीयो पर तैनात कार्मिक अवैध रूप से लोगों को वहां जाने से रोकने की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.
बीते वर्षों में ग्लेशियर आने वाले पर्यटकों की संख्या
इस साल अप्रैल से जून तक 1370 देशी और 48 विदेशी सहित कुल 1418 पर्यटक यात्रा के लिए पहुंचे. वहीं बीते साल 1377 देशी और 152 विदेशी समेत कुल 1529 यात्री यात्रा को पहुंचे थे. वही युवा ट्रेकर ने बताया पिंडारी ग्लेशियर ग्राउंड जीरो पर हम लोगों ने सफलतापूर्वक ट्रैक पूरा किया. लेकिन जैसा हमने सोचा था ग्राउंड जीरो पर हमें काफी बर्फ नजर आएगी. बर्फ 1 इंच भी हमें नजर नहीं आई क्योंकि इसका प्रमुख कारण ग्लोबल वार्मिंग है. इसके कारण पिंडारी ग्लेशियर कई किलोमीटर दरसाल खिसकता जा रहा है. अब समाज को जागरूक होने की जरूरत है. ग्लोबल मॉर्निंग और पर्यावरण को दूषित होने से बचने का संकल्प लेना होगा. तभी आगे आने वाली हमारी पीढ़ी इन ग्लेशियरों को देख पाएगी.