किन कारणों से लगती है जंगल की आग? इस राज्य में अब तक 900 से अधिक घटनाएं 

Uttarakhand forest fire: छह माह में वाइल्डफायर के कारण 1,145 हेक्टेयर जंगल चपेट में आ चुके हैं, इसका असर शहरों में भी दिखाई दे रहा है

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Mohit Saxena
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uttarakhand forest fire( Photo Credit : social media)

Uttarakhand forest fire: देश के पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में अब सैकड़ों आग की घटनाएं देखने मिली हैं. इस बार मामला अधिक गंभीर है, क्योंकि बीते साल लगी आग बुझने का नाम नहीं ले रही है. आंकड़ों के अनुसार, अब तक राज्य में 900 से अधिक आग लगने की घटानाएं सामने आई हैं. बीते छह माह में वाइल्डफायर के कारण 1,145 हेक्टेयर जंगल अब तक बर्बाद हो चुके हैं. आग अब शहर पर असर डालने लगी है. ऐसे में धुएं से दिखाई देना काफी कम हो चुका है. इस दौरान तमाम प्रयासों जारी हैं. मगर सब विफल साबित हुए हैं. इस आग को बुझाने के लिए एयरफोर्स के हेलीकॉटर का उपयोग किया गया है. 

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किस तरह से लगती है जंगल की आग  

जंगल की आग को फैलने में ज्यादा समय नहीं लगता है. आग बढ़ने में ऑक्सीजन के साथ तापमान की आवश्यकता होती है. ये सब चीज जंगल में भरपूर मात्रा में होती है. यहां पर लकड़ियां और सूखी घास ईंधन की तरह होती है. यहां पर बिजली या छोटी चिंगारी बड़ा काम करती है. आग भयावाह रूप ले लेती है. इसकी कई वजह है. जंगलों के आसपास खेती करने वाले लोग अगर पराली जलाएं तो भी आग का डर रहता है.

उत्तराखंड के मामले को लेकर अजीब बात सामने आई है. यहां पर आग लगने का कारण रील है. कुछ लोगों ने रील बनाने के लिए जंगल में आग लगा दी. इस तरह के करीब 350 से अधिक मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं. आग जहां लगी, ये चीड़ के जंगल हैं. इनके पत्ते, जिसे पिरूल कहा जाता है, उसमें तेजी से आग फैल जाती है. 

खुली हवा आग बढ़ाने का करती है काम 

एक बार जंगल में अगर आग पकड़ लेती है तो यह फैलती चली जाती है. यहां पर खुली हवा आग को बढ़ाने का काम करती है. घास के साथ सूखी पौधे आग को भड़का देते हैं. शुरूआत में इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता है. मगर जब यह विकराल रूप लेती है तो तबाही मचा देती है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस दौरान कई तरह की स्पीशीज को पनपने का मौका मिलता है. दरअसल, अंकुरण के लिए कुछ स्पीशीस को धुएं की आवश्यकता होती है. अगर जंगल में आग न पकड़े तो इस तरह की प्रजातियां खत्म होंगी. मगर उन्हें एक सीमित मात्रा में आग चाहिए होती है. लगातार लगी रहने वाली आग नुकसानदेह साबित होती है. वाइल्डफायर से जंगल में जरूरत से अधिक पेड़-पौधों बर्बाद हो जाते हैं. 

Source : News Nation Bureau

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