Dehradun News: उत्तराखंड में पिछले 24 घंटों से लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने कई इलाकों में आपदा जैसी स्थिति उत्पन्न कर दी है. बारिश के कारण टिहरी जिले में एक घर में बाढ़ आ जाने से मां-बेटी की दुखद मौत हो गई है, जबकि इसी जिले में एक अन्य घटना में दो लोग लापता हो गए हैं. आपदा प्रबंधन विभाग और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) ने इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए तुरंत राहत कार्यों की शुरुआत की है.
मौसम विभाग की चेतावनी और सतर्कता
मौसम विभाग ने उत्तराखंड के लिए अभी भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया हुआ है. कई जिलों में भारी बारिश की संभावना को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है. विभाग ने एसडीआरएफ और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की कई टुकड़ियों को विभिन्न इलाकों में तैनात किया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके.
कांवड़ यात्रा और गंगा का जलस्तर
इस समय प्रदेश में कांवड़ यात्रा चल रही है और गंगा नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है. कांवड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एसडीआरएफ की कई टुकड़ियों को तैनात किया गया है. एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि अब तक 40 से ज्यादा कांवड़ियों की जान बचाई जा चुकी है. उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ की टीमें लगातार इलाके में नजर बनाए हुए हैं और कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं.
कुमाऊं और गढ़वाल में बारिश का असर
आपको बता दें कि प्रदेश के कुमाऊं और गढ़वाल दोनों ही क्षेत्रों में बारिश को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है. एसडीआरएफ की टीमें इन इलाकों में भी तैनात हैं और सभी जगहों पर नजर बनाए हुए हैं. जहां-जहां लोग फंसे हुए हैं, उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का प्रयास जारी है. बंद रास्तों को खोलने के लिए भी लगातार कार्य किया जा रहा है, ताकि राहत और बचाव कार्य सुचारू रूप से चल सके.
राहत और बचाव कार्य की चुनौतियां
वहीं उत्तराखंड में पिछले 24 घंटे से जारी भारी बारिश ने कई इलाकों में आपदा जैसी स्थिति उत्पन्न कर दी है. इसे देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और जिला प्रशासन की टीमें एकजुट होकर काम कर रही हैं. उनका मुख्य उद्देश्य है कि प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द राहत प्रदान की जाए और किसी भी संभावित आपदा से निपटने के लिए पूरी तैयारियां की जाएं.