उत्तराखंड राजभवन की निगरानी में हर जिले में होगा एक ‘आदर्श गांव’

उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राजभवन की निगरानी में प्रदेश के हर जिले में एक अनुसूचित जाति बाहुल्य गांव को आदर्श गांव के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है . इस संबंध में वह 26 अगस्त को देहरादून जिले के अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्राम झाझरा-बंशीवाला का निरीक्षण करेंगी.

उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राजभवन की निगरानी में प्रदेश के हर जिले में एक अनुसूचित जाति बाहुल्य गांव को आदर्श गांव के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है . इस संबंध में वह 26 अगस्त को देहरादून जिले के अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्राम झाझरा-बंशीवाला का निरीक्षण करेंगी.

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Vineeta Mandal
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Uttarakhand News( Photo Credit : (सांकेतिक चित्र))

उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राजभवन की निगरानी में प्रदेश के हर जिले में एक अनुसूचित जाति बाहुल्य गांव को आदर्श गांव के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है . इस संबंध में वह 26 अगस्त को देहरादून जिले के अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्राम झाझरा-बंशीवाला का निरीक्षण करेंगी.

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राजभवन से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, राज्यपाल ने पिछले दिनों इस संबंध में प्रमुख सचिव, समाज कल्याण और देहरादून की जिलाधिकारी के साथ एक बैठक की थी और मंगलवार को देहरादून की मुख्य विकास अधिकारी नीतिका खण्डेलवाल ने उन्हें जिलास्तरीय अधिकारियों के एक दल के साथ झाझरा गाँव में चल रही मौजूदा योजनाओं की जानकारी दी.

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राज्यपाल ने कहा कि वह स्वयं गांव का निरीक्षण करेंगी और ग्रामीणों का ‘फीडबैक’ लेंगी. उन्होंने नीतिका को झाझरा को आदर्श गांव के रूप में विकसित करने के लिए चरणबद्ध कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए.

उन्होंने पूछा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए चल रही योजनाओं का उन्हें कितना लाभ मिल रहा है, सरकारी स्कूलों की ड्रॉप आउट दर क्या है और गांव में स्थित तीन विद्यालयों में पाँचवीं कक्षा में बीस से भी कम विद्यार्थी क्यों हैं? उन्होंने प्रस्तुतीकरण में सरकारी विद्यालयों की खराब स्थिति देखकर चिंता व्यक्त की और उसमें सुधार के निर्देश दिए.

नीतिका ने बताया कि गाँव की कुल जनसंख्या 2648 है जिसमें 840 लोग अनुसूचित जाति के हैं. उन्होंने बताया कि वहां तीन प्राथमिक विद्यालय, एक जूनियर हाईस्कूल, छह आंगनबाड़ी केंद्र और एक एएनएम सेंटर है. गांव में नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पांच किलोमीटर की दूरी पर और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सात किलोमीटर की दूरी पर है. 

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