उत्तराखंड त्रासदी : लापता लोगों को मृत घोषित करने की प्रक्रिया शुरू
नेगी ने कहा कि अगर कोई दावा या आपत्ति 30 दिनों के भीतर नहीं मिलती है, तो नामित कार्यालय को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मृत्यु प्रमाण पत्र निशुल्क दिया जाना चाहिए.
देहरादून:
उत्तराखंड में आपदाग्रस्त चमोली जिले में बचाव दल की ओर से और अधिक शव खोजने का सिलसिला जारी है. इस बीच राज्य सरकार ने 2013 में केदारनाथ त्रासदी की तर्ज पर सात फरवरी को चमोली जिले में आए सैलाब के बाद लापता हुए लोगों को मृत घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस कदम से चमोली जिले में ऋषिगंगा नदी में आई बाढ़ के कारण मारे गए सभी लोगों के परिवार के सदस्यों को मुआवजा और अन्य लाभों का त्वरित वितरण करने में मदद मिलेगी. राज्य के स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी द्वारा जारी एक परिपत्र (सर्कुलर) में संबंधित अधिकारियों को कुछ प्रक्रियाओं का पालन करने के लिए कहा गया है, जिनमें एफआईआर दर्ज करना, विस्तृत पूछताछ, मीडिया में सामने आए लापता व्यक्तियों के नाम एकत्रित करना शामिल है.
नेगी ने कहा कि अगर कोई दावा या आपत्ति 30 दिनों के भीतर नहीं मिलती है, तो नामित कार्यालय को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मृत्यु प्रमाण पत्र निशुल्क दिया जाना चाहिए. यह भी कहा गया है कि किसी भी प्रकार की आपत्तियों के मामले में, जिला मजिस्ट्रेट को मामले को भेजा जाना चाहिए, जो उचित प्रक्रियाओं का पालन करने के बाद मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर सकते हैं या उन्हें अस्वीकार कर सकते हैं.
NDRF और SDRF ने जारी रखा बचाव अभियान
इस बीच, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने चमोली जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में अपना अभियान जारी रखा और इस दौरान सोमवार को श्रीनगर-अलकनंदा हाइडल परियोजना के जलाशय में दो शव पाए गए. अधिकारियों ने कहा कि भारी मात्रा में पानी और कीचड़ के कारण तपोवन परियोजना की सुरंग के अंदर खुदाई का काम धीमी गति से चल रहा है. ऐसी संभावना है कि इस सुरंग में 25 से 35 लोग दबे हुए हो सकते हैं, जिनमें से अभी तक 13 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं.
यह भी पढ़ेंःचमोली में ग्लेशियर टूटने से याद आई 2013 की केदारनाथ त्रासदी
अब तक कुल 70 शव बरामद
सुरंग को 170 मीटर गहराई और ढलान में 6 मीटर के स्तर पर खोदा गया है. उन्होंने कहा कि सुरंग से लगातार पानी बाहर निकाला जा रहा है. ऋषिगंगा नदी में सात फरवरी के जलप्रलय के बाद लगभग 204 व्यक्ति लापता हो गए थे. अब तक कुल 70 शव बरामद किए गए हैं. सुरंग के अंदर पानी और कीचड़ की मौजूदगी के कारण खुदाई का काम बाधित हो रहा है, मगर बचाव और राहत दल ने अपना काम जारी रखा है.
यह भी पढ़ेंः
रैणी गांव में स्निफर डॉग्स का भी इस्तेमाल
बचावकर्मी दो प्रमुख स्थानों पर काम कर रहे हैं - एक सुरंग के अंदर और दूसरा रैणी गांव में ऋषिगंगा परियोजना के अवशेषों पर. रैणी गांव के पास बचाव अभियान में स्निफर कुत्तों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके अलावा नदियों में भी खोज की जा रही है. बचाव अभियान और खुदाई के काम में जुटी सेना और आईटीबीपी के जवानों को फिलहाल अभियान से हटा दिया गया और अब केवल एनडीआरएफ और एसडीआरएफ कर्मी बचाव कार्य में लगे हैं.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Sanatan Dharma: सनातन धर्म की बड़ी भविष्यवाणी- 100 साल बाद यह होगा हिंदू धर्म का भविष्य
-
Aaj Ka Panchang 25 April 2024: क्या है 25 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Ank Jyotish: इस तारीख को जन्में लोग होते हैं बुद्धिमान, लेकिन लोग उठाते हैं इनका फायदा
-
Laxmi Ganesh Puja: धन-वृद्धि और तरक्की के लिए इस तरह करें देवी लक्ष्मी के साथ गणेश जी की पूजा