चमोली में ग्लेशियर टूटने से याद आई 2013 की केदारनाथ त्रासदी

चमोली में ग्लेशियर टूटने की घटना के बाद प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट हो गया है. अलकनंदा नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सचेत कर दिया गया है. लोगों से अपील की गई है कि वे नदियों से दूरी बनाकर रखें.

चमोली में ग्लेशियर टूटने की घटना के बाद प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट हो गया है. अलकनंदा नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सचेत कर दिया गया है. लोगों से अपील की गई है कि वे नदियों से दूरी बनाकर रखें.

author-image
Ravindra Singh
एडिट
New Update
LIVE चमोली: अभी तक 55 शव मिले, NTPC टनल में मिल चुकी हैं 23 लाशें

चमोली आपदा( Photo Credit : वीडियो ग्रैब)

उत्तराखंड में एक बार फिर एक बड़ी दैवीय आपदा आ गई है, चमोली का नंदादेवी ग्लेशियर टूट गया है और बादल फटने की वजह से पूरे इलाके में बाढ़ की तबाही आ गई है. इस तबाही ने एक बार फिर से साल 2013 में हुई केदार नाथ त्रासदी की याद दिला दी है. अब तक इस तबाही में 100 से 150 लोगों के मारे जाने की आशंका बताई जा रही है. जोशीमठ में ग्लेशियर टूटने से यहां पर भारी तबाही का मंजर है. राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इस आपदा के बाद से लगातार आपदा प्रबंधन और चमोली के डीएम के संपर्क में हैं. आपको बता दें कि इस तबाही में राज्य के संसाधनों को लेकर भारी नुकसान की आशंका जताई जा रही है.  सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लोगों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी निर्देश दिए जा रहे हैं. 

Advertisment

ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को भारी नुकसान पहुंचा है. प्रभावित इलाकों में SDRF की कई टीमें पहुंच चुकी हैं. राहत और बचाव कार्य शुरू हो गया है. ग्लेशियर टूटने की वजह से धौलीगंगा नदी में भारी बाढ़ आ गई है. बांध टूटने की वजह से नदियों के किनारे बसे गांवोंं को खाली कराया जा रहा है. ITBP के 200 से भी ज्यादा जवानों को राहत और बचाव कार्य में लगा दिया गया है. उत्तराखंड के गृह मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि आईटीबीपी की दो टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं. देहरादून से एनडीआरएफ की 3 टीमों को भेजा गया है. इनके अलावा 3 अन्य टीमें हेलिकॉप्टर की मदद से शाम तक पहुंच जाएंगी. एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन पहले से ही मौके पर मौजूद है.

               

                  publive-image

यह भी पढ़ेंः LIVE: चमोली त्रासदी में 150 लोगों के मारे जाने की आशंका, राहत और बचाव कार्य जारी

याद आई केदारनाथ त्रासदी 
आपको बता दें कि साल 2013 में आई केदारनाथ आपदा के बाद चमोली आपदा ने सात साल और सात महीने और 25 दिन के बाद उस मंजर की याद दिला दी है. साल 2021 की शुरुआत में एक बार फिर कुदरत ने देवभूमि को अपने कोपभाजन का शिकार बनाया है. उत्तराखंड में चमोली जिले के जोशी मठ में ग्लेशियर टूटने की वजह से धौली गंगा नदी में बाढ़ आ गई और वहां जल स्तर देखते देखते एक मीटर से भी ज्यादा तक चला गया. इस वजह से आस-पास के इलाकों में पानी भर गया है. आपदा एवं प्रबंधन की टीम मौके पर पहुंच गई है और राहत और बचाव का काम जारी कर दिया है.

                                publive-image

यह भी पढ़ेंः चमोली में तबाही के प्रभावितों के लिए हेल्पलाइन नंबर, अफवाहों से बचने की अपील

2013 की महाप्रलय को याद कर कांप जाती है रूह
इसके पहले साल 2013 में उत्तराखंड में प्रकृति ने कोहराम मचाया था. आपको बता दें कि उस महाप्रलय को याद कर लोगों की रूह कांप जाती है. साल 2013 में 16 व 17 जून को प्रकृति ने अपनी विनाशलीला से लाखों लोगों की जिंदगियां लील ली थीं. जब तक कोई राहत और बचाव का काम शुरू हो पाता तब तक इस दैवीय आपदा ने राज्य की तमाम सड़कों और संसाधनों को उखाड़ फेंका था. कितने परिवारों के लोग इस आपदा में बिछड़े तो सालों के बाद मिल पाए.

यह भी पढ़ेंः चमोली में जलसैलाब से सरहद से सेना को जोड़ने वाला पुल बहा

विदेशी मीडिया में भी गूंजा था मामला
साल 2013 में आई उत्तराखंड की उस आपदा की गूंज भारतीय मीडिया ही नहीं बल्कि विदेशी मीडिया में भी छाया था. अमेरिका का प्रमुख अखबार 'द वाल स्ट्रीट जरनल' केदारनाथ में आई आपदा पर लगातार कवरेज बनाए रखी थी. इस अखबार ने पीड़ितों को मदद देने के लिए भारतीय सेना और आईटीबीपी को शाबाशी भी दी थी. वहीं एक और अमेरिकी अखबार 'वाशिंगटन पोस्ट' ने भी उत्तराखंड की पीड़ा को दुनिया की बड़ी आपदाओं में बताया था. वहीं इंग्लैंड के अखबार 'द गार्जियन' भी उत्तराखंड की आपदा को लेकर कवरेज बनाए रखी थी. 

HIGHLIGHTS

  • चमोली आपदा ने याद दिलाई 2013 की केदारनाथ त्रासदी
  • विदेशी मीडिया ने भी दी थी केदार नाथ त्रासदी को कवरेज
  • 2013 की त्रासदी ने लाखों लोगों का जीवन बदल दिया था

Source : News Nation Bureau

uttarakhand-glacier-burst uttarakhand-glacier-burst-in-chamoli chamoli-district-uttarakhand-glacier glacier burst chamoli Glacier Burst glacier burst in uttarakhand
      
Advertisment