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Uttarakhand Tourism: नए पयर्टन क्षेत्रों के लिए बना रोडमैप, एडवेंचर एक्टिविटी को मिलेगा बढ़ावा

उत्तराखंड में टूरिज्म को बढ़ावा देने के​ लिए नई योजनाओं पर काम हो रहा है. इसके लिए दो तरह के रोड मैप तैयार किए जा रहे हैं. इसके साथ खेलों को बढ़ावा देने का प्रयास हो रहे हैं.

Updated on: 04 Jan 2023, 07:56 PM

highlights

  • पयर्टन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए दो तरह की कैटेगरी बनाई
  • इस बार भी काफी पयर्टकों के आने की संभावना है
  • होटल और रिजॉर्ट्स के आसपास के क्षेत्र को आ​कर्षित किया जाएगा

नई दिल्ली:

उत्तराखंड में टूरिज्म (Uttarakhand Tourism) को बढ़ावा देने के​ लिए नई योजनाओं पर काम हो रहा है. इसके लिए दो तरह के रोड मैप तैयार किए जा रहे हैं. खेलों को बढ़ावा देने का प्रयास हो रहा है. पयर्टन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए दो तरह की कैटेगरी बनाई गई है. कैटेगरी ए ओर कैटेगरी बी. इस तरह की योजना को तैयार करने के लिए बैठकों का दौर जारी है. इस मामले को लेकर मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने पर्यटन विभाग के साथ प्रदेश में भावी संभावनाओं का ब्योरा लिया. अब तक प्रदेश की चारधाम यात्रा के साथ पर्यटक स्थल इसमें अहम भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने बताया ​कि प्रदेश हर साल पयर्टकोंं का तांता लगा रहता है. इस बार भी काफी पयर्टकों के आने की संभावना है. 

सबसे ज्यादा यात्री दिल्ली से आते हैं. दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे बन जाने के बाद से यह  संख्या और बढ़ेगी. इसके लिए अभी से तैयारियां शुरू करनी होंगी. मुख्य सचिव के अनुसार, पर्यटकों के लिए नए साहसिक खेलों को शामिल करने की जरूरत है. 

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पर्यटन की गतिविधियों को दो वर्गों में बांटा गया है. इसकी एक लिस्ट तैयार की जा रही है. पर्यटन के क्षेत्र में क्या नया हो रहा है, उनमें क्या किया जा सकता है. इसकी तैयारी हो रही है. प्रदेश में पयर्टन की नजर से देखें तो भौगोलिक एवं प्राकृतिक स्थिति के अनुसार, पर्यटन गतिविधियों के लिए दो वर्ग तैयार करने का निर्देश दिया है. इसमें कैटेगरी 'ए' में  ऐसी गतिविधियां रखी जाएंगी, जिन्हें शुरू करने के लिए पहले कई प्रकार के कार्य करने होंगे.

प्रदेश में हाई-एंड टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा. फाइव स्टार होटल और रिजॉर्ट्स के आसपास के क्षेत्र को आ​कर्षित किया जाएगा. प्रदेश के शुद्ध वातावरण को लेकर ऐस्ट्रा विलेज की भी संभावनाएं हैं. प्रदेश में इसके लिए 5 से 10 जगहों को चिन्हित किया जाएगा. मुख्य सचिव ने कहा कि वाटर स्पोर्ट्स की भी संभावनाएं बताई जा रही हैं.

इसके ​साथ दिल्ली एनसीआर से ज्यादातर पर्यटक राफ्टिंग जैसे एडवेंचर गेमों के लिए सालभर उत्तराखंड आते हैं. टिहरी झील में वाटर बाईकिंग, पैरासेलिंग आदि को शामिल किया जा सकता है. इसके साथ बंजी जम्पिंग, रॉक क्लाइम्बिंग, वाईल्ड लाइफ सफारी, पैरा ग्लाइडिंग आदि गति​विधियों को तत्काल शामिल किया जाएगा.