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forest in Uttarakhand( Photo Credit : social media)
Uttarakhand: टिहरी जिले के जंगलों में आग लगने के कारण चारों तरफ धुआं ही धुआं फैलने से पूरा वातावरण दूषित हो गया है. इसके कारण सांस से संबंधित मरीजों को सबसे ज्यादा दिक्कतें उठानी पड़ रही है. इस धुएं के कारण आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत हो गई है. टिहरी जिले के पर्यटक स्थल धनोल्टी काणताल के पास दिल्ली के एक मेडिकल टीम ने मेडिकल कैंप लगाकर सांस और अन्य बीमारियों के मरीजों का इलाज किया. मरीज का इलाज कर रहे हैं डॉक्टरों ने कहा की उत्तराखंड स्वच्छ हवा और साफ वातावरण के लिए जाना जाता है और जंगलों में आग लगने के कारण वातावरण दूषित होता है.
त्वचा संबंधी बीमारियां हो रही हैं
इससे मरीज को सांस,आंख, त्वचा संबंधी बीमारियां हो रही हैं, जिनका इलाज इस कैंप में किया जा रहा है. डॉक्टरों ने वन विभाग से अपील है कि वह जगह-जगह जाकर अपनी एक मेडिकल टीम बनाकर लोगों का इलाज करें क्योंकि जंगल के ही कारण यह समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं.
सबसे ज्यादा मरीज सांस से संबंधित देखे गए
जबकि उत्तराखंड के चार धाम यात्रा में भारत के कोने-कोने से यहां श्रद्धालु और यात्री आते हैं और जंगलों में आग लगने के कारण जो धुआं होता है. उससे सभी को परेशानियां उठानी पड़ती है जैसे हमने आज कई मरीजों का इलाज किया तो उसमें सबसे ज्यादा मरीज सांस से संबंधित देखे गए और इस धुएं के कारण फेफड़े, खांसी, जुकाम आदि की बीमारियां होने की संभावना बनी रहती है. इसलिए वन विभाग को जगह-जगह जन जागरूकता अभियान भी करना चाहिए. मेडिकल टीम में आए डॉक्टरों ने कहा कि अब समय आ गया है कि हमें अपना लाइफस्टाइल चेंज करना चाहिए और अपने आप में बदलाव लाना जरूरी है. इस तरह से हम स्वस्थ रह सकते हैं.
Source : News Nation Bureau