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Uttarakhand: मानसून का असर अब भी कई राज्यों में देखने को मिल रहा है. खास तौर पर पहाड़ी राज्यों की बात करें तो यहां पर लगातार भारी बारिश ने तबाही मचा रखी है. इसी कड़ी में उत्तराखंड भी शामिल है. उत्तराखंड के चमोली में एक बार फिर बादल फटने से आसमानी आफत आ गई. वहीं गुरुवार की सुबह खौफनाक मंजर भी देखने को मिल. दरअसल बद्रीनाथ हाईवे पर दौरा कर रहे भारतीय जनता पार्टी के सांसद अनिल बलूनी बाल बाल बचे. बता दें कि अचानक हाईवे पर पहाड़ भरभरा कर गिर पड़ा. इस दौरान सांसद बलूनी ने भाग कर अपनी जान बचाई. उन्होंने इस खौफनाक मंजर का वीडियो भी अपने एक्स हैंडल से साझा किया है.
उत्तराखंड में इस वर्ष आई भीषण अतिवृष्टि और भूस्खलन ने इतने गहरे घाव दिए हैं, जिन्हें भरने में बहुत समय लगेगा।
— Anil Baluni (@anil_baluni) September 18, 2025
कल शाम आपदा प्रभावित क्षेत्र में भूस्खलन का एक भयावह दृश्य आप सभी के साथ साझा कर रहा हूं। यह दृश्य स्वयं बता रहा है कि हमारा उत्तराखंड इस समय कितनी भीषण प्राकृतिक आपदा… pic.twitter.com/fdTsXpPsm2
बीजेपी सांसद बलूनी ने शेयर किया घटना का मंजर
उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में जारी भीषण वर्षा और भूस्खलन के बीच बुधवार को भारतीय जनता पार्टी के सांसद अनिल बलूनी ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने न केवल स्थिति का जायजा लिया बल्कि एक भयावह भूस्खलन का भी प्रत्यक्ष अनुभव किया. इस भूस्लखलन के खौफनाक मंजर को उन्होंने एक्स पर पोस्ट के जरिए शेयर किया.
बलूनी ने बताया कि - जब वे रास्ते से गुजर रहे थे, तभी अचानक पहाड़ी से तेजी से मलबा गिरने लगा. उन्होंने तुरंत अपनी गाड़ी रोकी और अन्य लोगों को पीछे हटने की सलाह दी. लेकिन भूस्खलन की तीव्रता इतनी अधिक थी कि स्वयं बलूनी को भी तेजी से पीछे की ओर भागना पड़ा. यह दृश्य न सिर्फ खतरनाक था, बल्कि उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा की गंभीरता को भी दर्शाता है.
घटनाक्रम के अगले दिन यानी गुरुवार को अनिल बलूनी ने सोशल मीडिया पर एक भावुक संदेश साझा किया. उन्होंने कहा, "उत्तराखंड में इस वर्ष आई अतिवृष्टि और भूस्खलन ने गहरे घाव दिए हैं, जिन्हें भरने में समय लगेगा." उन्होंने आपदा के दृश्य को ‘भयावह’ बताते हुए कहा कि यह प्रकृति का ऐसा रूप है जो आम जनजीवन को झकझोर कर रख देता है.
अपने संदेश में सांसद ने बाबा केदारनाथ से सभी लोगों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और खुशहाली की प्रार्थना भी की. इसके साथ ही उन्होंने प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और उन कर्मचारियों की सराहना की जो कठिन परिस्थितियों में भी राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं.
चमोली में भी फटा बादल, मची तबाही
बता दें कि इससे पहले चमोली के नंदानगर घाट क्षेत्र में आई भारी बारिश और बाढ़ के चलते तीन गांव पूरी तरह बर्बाद हो गए. इस दौरान कई लोग प्रभावित भी हुए हैं. हादसे में लापता लोगों की संख्या 10 बताई जा रही है. इस दौरान कुन्तरी लगाफाली से लेकर सरपाणी और धुर्मा जैसे गांव में प्रकृति का रौद्र रूप देखने को मिला है.
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