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IAS अधिकारी गिरफ्तार, आय से 500 गुणा ज्यादा संपत्ति का है मामला

IAS arrested: उत्तराखंड(Uttarakhand) में आईएएस(IAS) अधिकारी रामविलास यादव (Ramvilas Yadav) को आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है.

Updated on: 23 Jun 2022, 07:01 PM

highlights

  • उत्तराखंड में पूछताछ के बाद आईएएस अधिकारी रामविलास यादव गिरफ्तार
  • रामविलास के पास आय से 500 गुणा अधिक संपत्ति होने की रिपोर्ट्स
  • यादव बार-बार बुलाने पर भी विजिलेंस के सामने पेश नहीं हुए

नई दिल्ली :

IAS arrested: उत्तराखंड(Uttarakhand) में आईएएस(IAS) अधिकारी रामविलास यादव (Ramvilas Yadav) को आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है. बुधवार को विजिलेंस डिपार्टमेंट (Vigilence Department)ने उनसे दिनभर पूछताछ की और उसके बाद उन्हें गिरफ्तार (Arrest) कर लिया गया. इससे पहले बुधवार को राज्य सरकार ने उन्हें उनके पद से सस्पेंड (Suspend) कर दिया था. कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, रामविलास यादव के पास आय से 500 गुणा से भी ज्यादा संपत्ति है. कहा जा रहा है कि राज्य सरकार की तरफ से उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश हैं.

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पूछताछ के बाद देर रात को किया गया गिरफ्तार

दरअसल विजिलेंस डिपार्टमेंट आईएएस अधिकारी रामविलास यादव के खिलाफ पिछले करीब ढाई साल से जांच कर रहा है. तब रामविलास यादव विजिलेंस के सामने पेश नहीं हुए थे. इसके बाद विजिलेंस ने उनके दफ्तर आकर सवाल करने का भी प्रस्ताव रखा. लेकिन इसपर भी उनका कोई जवाब नहीं आया. विजिलेंस की टीम ने उनके ठिकानों पर जाकर सुबूत जुटाए थे. इसके बाद जब यह केस हाईकोर्ट (High court) गया तो उसके निर्देश पर रामविलास विजिलेंस के निदेशालय गए. जहां उनसे लंबी पूछताछ (Enquiry) की गई. पूछताछ करीब सात घंटे तक चली, जिसमें 100 से भी अधिक प्रश्न पूछे गए. रामविलास ज्यादातर प्रश्नों पर चुप ही रहे और कई प्रश्नों पर वह उलझकर रह गए.

लखनऊ डेवलपमेंट ऑथोरिटी के सचिव रहे हैं यादव
रामविलास यादव उत्तराखंड सरकार के समाज कल्याण विभाग में अपर सचिव के पद पर तैनात हैं. यादव उत्तराखंड कैडर के अधिकारी हैं. साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश में भी अपनी सेवाएं दी हैं. उत्तर प्रदेश में वो लखनऊ डेवलपमेंट ऑथोरिटी (development authority) के सचिव रह चुके हैं. लखनऊ के ही एक शख्स ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति होने की शिकायत दर्ज कराई थी. जिसके बाद विजिलेंस डिपार्टमेंट ने उनके खिलाफ जांच शुरू की थी. 

2019 में हुए थे यादव पर खुली जांच के आदेश

आईएएस रामविलास यादव के खिलाफ उत्तराखंड शासन ने जनवरी 2019 में विजिलेंस में खुली जांच के आदेश दिए थे. उन्होंने यह कदम सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत कुमार मिश्रा (Hemant Kumar Mishra) की शिकायत पर उठाया था. दरअसल रामविलास यादव पर लखनऊ डेवलपमेंट अॅथोरिटी का सचिव रहते हुए ही आय से 500 गुणा अधिक संपत्ति होने का आरोप लगा था. यूपी सरकार की तरफ से उत्तराखंड को दिए गए दस्तावेजों के आधार पर ही रामविलास यादव के खिलाफ उत्तराखंड में भी विजिलेंस डिपार्टमेंट ने शिकायत दर्ज की थी. 

हाईकोर्ट से भी नहीं मिली राहत

21 जून को उत्तराखंड हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान उन्हें कोई राहत नहीं दी. विजिलेंस डिपार्टमेंट के पूछताछ के लिए बार-बार समन करने पर भी जब वो जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे तो उन्हें गिरफ्तारी का खतरा हुआ. तब उन्होंने हाइकोर्ट का रुख किया, लेकिन उन्हें वहां से भी कोई राहत नहीं मिली. हाईकोर्ट ने यादव को 22 जून को विजिलेंस के सामने पेश होने का आदेश दिया और उसी पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.