logo-image

उत्तराखंड को मिला सबसे बड़ा बायो डायवर्सिटी पार्क, जहां तैयार हुई कृष्ण और अशोक वाटिका

विश्व पर्यावरण दिवस पर उत्तराखंड में राज्य का सबसे बड़ा बायोडायवर्सिटी पार्क बनकर तैयार हुआ है. आईएफएस अफसर संजीव चतुर्वेदी की कोशिशों से हल्द्वानी में 18 एकड़ एरिया में कुल 45 थीम पर यह पार्क बना है. इस बायोडायवर्सिटी पार्क में सर्व धर्म समभाव वाटिक

Updated on: 06 Jun 2020, 09:49 AM

देहरादून:

विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) पर उत्तराखंड में राज्य का सबसे बड़ा बायोडायवर्सिटी पार्क (Park) बनकर तैयार हुआ है. आईएफएस अफसर संजीव चतुर्वेदी की कोशिशों से हल्द्वानी में 18 एकड़ एरिया में कुल 45 थीम पर यह पार्क बना है. इस बायोडायवर्सिटी पार्क में सर्व धर्म समभाव वाटिका आकर्षण का केंद्र है. जिसमें हिंदू, मुस्लिम, सिख और इसाई धर्म में पवित्र माने गए पौधों को शामिल कर हर धर्म की एक-एक वाटिका बनाई गई है. श्रीलंका में माता सीता की वजह से चर्चित हुई अशोक वाटिका भी पार्क में बनाई गई है. उत्तराखंड वानिकी अनुसंधान केन्द्र हल्द्वानी के मुख्य वन संरक्षक संजीव चतुर्वेदी, पिछले कई महीनों से युद्ध स्तर पर इस बायोडायवर्सिटी पार्क के निर्माण में जुटे रहे.

यह भी पढ़ें- नोएडा के 7 अस्पतालों ने एडमिट करने से किया इनकार, महिला ने एम्बुलेंस में तोड़ा दम, गर्भ में बच्चे की भी मौत

ताकि पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर इसे उत्तराखंड की जनता को भेंट किया जा सके. इस बार पर्यावरण दिवस की थीम भी बॉयोडायवर्सिटी यानी जैव विविधता रही. ऐसे में उत्तराखंड में तैयार हुए इस जैव विविधता पार्क का महत्व बढ़ गया है. सर्वधर्म वाटिका की बात करें तो सिख धर्म की वाटिका में बेर, नीम, रीठा और इमली के पौधे शामिल हैं. सिख धर्म में इन पौधों की खास अहमियत है. इसाई धर्म वाटिका में ओक, सैलिक्स, क्रिसमस ट्री, पौपलर, जैन धर्म वाटिका में आम, इमली, बबूल और पीपल तथा इस्लाम धर्म की वाटिका में अंजीर, अनार, खजूर और नीम के पौधे शामिल हैं. कृष्ण वाटिका में कदंब, वैजयंती, मौलश्री, कृष्ण वट जैसे पेड़-पौधे हैं.

यह भी पढ़ें- खुशखबरी, किसानों को अब मिलेगा उनकी उपज का सही दाम, जारी हो गए अध्यादेश

18 एकड़ क्षेत्र में तैयार इस बायो डायवर्सिटी पार्क में 479 प्रकार की दुर्लभ वनस्पतियां हैं. उत्तराखंड में मिलने वालीं 36 तरह की औषधियां और दुनिया के कई देशों की 40 तरह की औषधियों को भी यहां संरक्षित किया गया है. बुद्ध वाटिका में 13 ऐसे पौधों को जगह दी गई है, जिनका बुद्ध के जीवन में वर्णन मिलता है. रुद्राक्ष वाटिका भी तैयार की गई है. मानव वाटिका भी बनाई गई है. इस वाटिका में मनुष्य के हर अंग के लिए उपयोगी पेड़-पौधों को जगह दी गई है.

यह भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश: बाराबंकी में एक ही परिवार के 5 लोगों ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में बताई मरने की यह वजह

मुख्य वन संरक्षक संजीव चतुर्वेदी ने आईएएनएस से कहा, "उत्तराखंड वानिकी अनुसंधान केन्द्र के स्टाफ की मेहनत के दम पर यह बायोडायवर्सिटी पार्क विश्व पर्यावरण दिवस पर तैयार हो सका. अपनी खास थीम की वजह से यह पार्क अनूठा है. उत्तराखंड में तैयार हुआ यह ऐसा पार्क है, जो देश और दुनिया को सर्व धर्म समभाव की शिक्षा दे रहा है. यहां दुर्लभ वनस्पतियों और हर्बल को संरक्षित किया गया है."