उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के नोएडा से शर्मसार करने की घटना सामने आई है. एक गर्भवती महिला के साथ-साथ उसके बच्चे की मौत हो गई. महिला ने इलाज के अभाव में एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया तो बच्चे की गर्भ के अंदर ही जान चल गई. कई घंटों तक गर्भवती महिला को एंबुलेंस एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल लेकर दौड़ती रही, लेकिन नोएडा (Noida) के बड़े सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों ने महिला को एडमिट करने से इनकार कर दिया. जिसके कारण गर्भवती महिला की एम्बुलेंस में मौत हो गई.
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बताया जा रहा है कि गाजियाबाद के खोड़ा की रहने वाली महिला 8 महीने की गर्भवती थी. महिला को सांस की परेशानी होने पर परिवार को उसे लेकर सुबह 6 बजे घर से निकला था. 13 घंटे तक किसी अस्पताल ने उसे भर्ती नहीं किया. परिवार के मुताबिक नोएडा के ईएसआई हॉस्पिटल, जिला अस्पताल, शारदा हॉस्पिटल, GIMS, वैशाली मैक्स हॉस्पिटल, नोएडा फोर्टिस अस्पताल और शिवालिक हॉस्पिटल में महिला को ले जाया गया. इन सभी अस्पताल ने इलाज करने से मना कर दिया. महिला की सांस फूल रही थी. कोविड के डर से सबने मना कर दिया.
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करीब 13 घंटे बीतने के बाद इलाज न मिलने पर शाम 7:30 बजे महिला एम्बुलेंस में मौत हो गई. बच्चा ने भी पेट के अंदर ही दम तोड़ दिया. गौर करने वाली बात ये भी है कि इनमें जिम्स और शारदा हॉस्पिटल कोविड हॉस्पिटल हैं, यहां भी महिला को एडमिट नहीं किया गया. शारदा हॉस्पिटल ने यहां तक कह दिया कि बेड नहीं है.. तो क्या अब नोएडा के कोविड हॉस्पिटल्स में बेड की भी कमी है? जबकि यूपी सरकार कोरोना वायरस के बीच राज्य के अंदर देश में सबसे ज्यादा बेड होने का दावा करती आ रही है.
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