Uttarakhand: उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित प्रसिद्ध आध्यात्मिक स्थल कैंची धाम में 15 जून 2025 को प्रतिष्ठा दिवस और वार्षिक भंडारे का आयोजन किया जाएगा. हर साल की तरह इस बार भी लाखों श्रद्धालु बाबा नीब करौरी के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचेंगे. माना जाता है कि इस दिन यहां आने वाला कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटता.
कब हुई थी 1976 में स्थापना
कैंची धाम में हनुमानजी समेत अन्य मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा अलग-अलग वर्षों में 15 जून को ही की गई थी, इसलिए यह दिन प्रतिवर्ष प्रतिष्ठा दिवस के रूप में मनाया जाता है. बाबा नीब करौरी ने भी इसी तिथि को प्रतिष्ठा दिवस के रूप में मान्यता दी थी. वर्ष 1976 में बाबा की मूर्ति की स्थापना और अभिषेक हुआ था, जहां भक्तों ने उनकी दिव्य उपस्थिति का अनुभव किया था.
1962 में यहां रहने का लिया था निर्णय
बताया जाता है कि बाबा 20वीं सदी में कैंची गांव आए थे और 1962 में उन्होंने इस स्थान पर स्थायी रूप से रहने का निर्णय लिया. यहीं पर उन्होंने मंदिर की नींव रखी और 1965 में हनुमान मंदिर का निर्माण पूर्ण हुआ. उसी वर्ष पहली बार 15 जून को भंडारे का आयोजन हुआ था, जिसके बाद से यह परंपरा हर साल जारी है.
15 जून को लाखों श्रद्धालुओं का लग सकता है तांता
बाबा के भक्तों का मानना है कि वह हनुमान जी के अवतार थे और उनका आशीर्वाद आज भी लोगों के जीवन में चमत्कार करता है. बीते साल कैंची धाम में रिकॉर्ड 24 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे. इस वर्ष 15 जून को करीब 2.5 से 3 लाख लोगों के पहुंचने की संभावना जताई गई है.
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को लेकर विशेष तैयारी की है. आईजी कुमायूं रिद्धिम अग्रवाल ने व्यवस्थाओं की समीक्षा कर सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने के निर्देश दिए हैं.
ऐसी रहेगी सुरक्षा व्यवस्था
धाम की सीमित क्षमता को ध्यान में रखते हुए पुलिस, होमगार्ड्स, एनडीआरएफ और यातायात पुलिस की तैनाती की गई है ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो और कार्यक्रम शांति व श्रद्धा के साथ सम्पन्न हो सके.
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