कोरोना वायरस से निर्वाणी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कपिल देव की मौत

महामंडलेश्वर. निर्वाणी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कपिल देव कोरोना संक्रमित पाए गए थे. वे चित्रकूट से हरिद्वार कुंभ में शामिल हुए थे

महामंडलेश्वर. निर्वाणी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कपिल देव कोरोना संक्रमित पाए गए थे. वे चित्रकूट से हरिद्वार कुंभ में शामिल हुए थे

author-image
Shailendra Kumar
एडिट
New Update
Kumbh Corona Test Scam

कोरोना वायरस से निर्वाणी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कपिल देव की मौत( Photo Credit : @ANI)

महाकुंभ में कोरोना से पहले संत की मौत हो गयी है. कोरोना से एमपी से आए महामंडलेश्वर कपिल देव की मौत हो गयी है. वे मध्य प्रदेश से महाकुंभ में आए थे. महामंडलेश्वर. निर्वाणी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कपिल देव कोरोना संक्रमित पाए गए थे. वे चित्रकूट से हरिद्वार कुंभ में शामिल हुए थे. संक्रमित होने के बाद इलाज के लिए निजी अस्पताल में हुए थ. भर्ती.13 अप्रैल को एक निजी अस्पताल में हुई थी गुरूवार को कपिल देव की मौत हाीे गयी. कैलाश अस्पताल के डायरेक्टर पवन शर्मा ने की पुष्टि की है. गौरतलब है कि महाकुंभ के दौरान कोरोना संक्रमण अखाड़ों की छावनियों को अपनी गिरफ्त में ले रहा है. अखाड़ों में संक्रमित संतों की संख्या 40 तक पहुंच गई है. सभी 13 अखाड़ों की छावनियों में हजारों की संख्या में देशभर से आए संत कल्पवास कर रहे हैं.

Advertisment

यह भी पढ़ें : Corona से रुकती सांसों के बीच विदेशों से लाएंगे 50 हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन

गौरतलब है कि महाकुंभ के दौरान कोरोना संक्रमण अखाड़ों की छावनियों को अपनी गिरफ्त में ले रहा है. अखाड़ों में संक्रमित संतों की संख्या 40 तक पहुंच गई है. सभी 13 अखाड़ों की छावनियों में हजारों की संख्या में देशभर से आए संत कल्पवास कर रहे हैं. वहीं अखाड़ों की छावनियों में संतों दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है. ऐसे में कुंभनगरी में बड़े पैमाने पर संक्रमण के फैलने का खतरा बना हुआ है.

यह भी पढ़ें : Corona के बीच पहले चरण का मतदान संपन्न, 18 जिलों में 61 फीसदी वोटिंग

महाकुंभ के शाही स्नानों के बाद कुंभनगरी में नए कोरोना संक्रमितों के दैनिक आंकड़े पिछले तमाम रिकार्ड ध्वस्त कर रहे है. कुंभ की अधिकारिक घोषणा से पहले केंद्र सरकार ने संतों की छावनियों के निर्माण और कथा आयोजनों के दौरान संक्रमण के फैलने की आशंका जताई थी. प्रदेश सरकार ने संतों के लगातार दबाव के चलते खुले में छावनियों के निर्माण की अनुुमति दे दी.

इसके बाद प्रदेश सरकार ने पारंपरिक रूप से शिविर लगाने और कथा आयोजनों को भी मंजूरी दी. अब केंद्र सरकार की आशंका सही साबित हो रही है. संतों की कोई भी छावनी संक्रमण से अछूती नहीं है. सबसे अधिक 25 संक्रमित केवल श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा और पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी अखाड़े में मिले हैं. दोनों अखाड़ों में नए संक्रमितों के मिलने का सिलसिला जारी है.

Source : News Nation Bureau

Kumbh Mela Nirvani Akhara Kapildev HOSPITAL positive for COVID19 haridwar
      
Advertisment