मसूरी और आसपास के 15 प्रतिशत इलाकों में भूस्खलन का खतरा : अध्ययन
भाटाघाट, जॉर्ज एवरेस्ट, केम्टी फॉल, खट्टापानी , लाइब्रेरी, गलोगीधर और हाथीपांव की बस्तियों पर बहुत अधिक भूस्खलन संभावित क्षेत्र है क्योंकि यहां पर खंडित चूना पत्थर की चट्टानें हैं और 60 डिग्री की ढलान है.
नई दिल्ली:
वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी (डब्ल्यूआईएचजी) के वैज्ञानिकों ने अध्ययन में पाया कि उत्तराखंड के हिल स्टेशन मसूरी और आसपास के 15 प्रतिशत इलाकों पर भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है. संस्थान की ओर से सोमवार को जारी बयान के मुताबिक भाटाघाट, जॉर्ज एवरेस्ट, केम्टी फॉल, खट्टापानी , लाइब्रेरी, गलोगीधर और हाथीपांव की बस्तियों पर बहुत अधिक भूस्खलन संभावित क्षेत्र है क्योंकि यहां पर खंडित चूना पत्थर की चट्टानें हैं और 60 डिग्री की ढलान है.
ये भी पढ़ें- 3 बच्चों को साथ लेकर सो रही थी मां, आधी रात अचानक हुआ ऐसा हादसा.. मच गई चीख-पुकार
अध्ययन के मुताबिक मूसरी जैसे पहाड़ी शहर लोकप्रिय हिल स्टेशन है और यहां कई बार भूस्खलन हो चुका है एवं इसकी वजह संभवत: विकास गतिविधियां हैं. बयान के मुताबिक, ‘‘ आपदा खतरे को देखते हुए वैज्ञानिकों ने मसूरी और आसपास के इलाके में भूस्खलन की आशंका का आकलन किया जिससे पता चला कि 15 प्रतिशत इलाकों में भूस्खलन का खतरा है.’’ बयान के मुताबिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन डब्ल्यूआईएचजी के वैज्ञानिकों ने मसूरी शहर और आसपास के 84 वर्ग किलोमीटर के लघु हिमालय क्षेत्र का अध्ययन किया.
ये भी पढ़ें- 1 महीने से नाले में सड़ रहा था नाबालिग लड़की का शव, बाहर निकालते ही पैरों तले खिसक गई जमीन
भूस्खलन संवेदनशीलता मानचित्रण (एलएसएम) को जर्नल ऑफ अर्थ सिस्टम साइंस में प्रकाशित किया गया है जिसके मुताबिक 29 प्रतिशत इलाकों में मध्यम दर्जे के भूस्खलन की संभावना है जबकि 56 प्रतिशत इलाके में भूस्खलन की सबसे कम संभावना है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह
-
Abrahamic Religion: दुनिया का सबसे नया धर्म अब्राहमी, जानें इसकी विशेषताएं और विवाद
-
Peeli Sarso Ke Totke: पीली सरसों के ये 5 टोटके आपको बनाएंगे मालामाल, आर्थिक तंगी होगी दूर
-
Maa Lakshmi Mantra: ये हैं मां लक्ष्मी के 5 चमत्कारी मंत्र, जपते ही सिद्ध हो जाते हैं सारे कार्य