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faile photo( Photo Credit : NEWS NATION)
आज आप सीएम उम्मीदवार कर्नल कोठियाल ने अपने वर्चुअल नवपरिवर्तन संवाद के दूसरे दिन उत्तराखंड की महिलाओं से वर्चवली जुडते हुए उनसे संवाद किया. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य निर्माण से लेकर रोजमर्रा के जीवन के संघर्ष तक उत्तराखंडी महिलाओं की अहम भूमिका रही है. उत्तराखंड में माँ गंगा और माँ यमुना के साथ ही माँ नंदा देवी का आशीर्वाद है. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी की परंपरा मातृशक्ति का सम्मान करना है. उन्होंने कहा कि जब बचपन में मेरी माँ मुझे तिलु रौतेली की गाथा सुनाती थी, तो रोंगटे खड़े हो जाते थे, मन में देशभक्ति का भाव जागता था.
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उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को बचाने के पीछे मातृशक्ति का बहुत बडा बलिदान है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आंदोलन के दौरान हमारी मातृशक्ति ने घर-बार ,चूल्हा-चौका छोड़ हाथों में दराती लिए आंदोलन में हिस्सा लिया था. उनका सपना क्या था? एक ऐसे राज्य का निर्माण करना ,जहां बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले, उत्तराखंड में ही रोजगार मिले, अच्छी स्वास्थय सुविधाएं मिले और हर एक निवासी को बेहतर भविष्य का अवसर मिले। इस सपने के लिए उन्होंने अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया, कई जुल्म सहे. रामुपर तिराहा कांड, खटीमा, मसूरी, श्रीयंत्र टापू गोलीकांड को कौन भुला सकता हैं. हंसा धनई और बेलमती चैहान की कुरबानी आज भी उत्तराखंड के लोगो के दिल में है.
उन्होंने कहा राज्य बने हुए,21 साल बीत जाने के बाद भी आज महिलाओं को कई समस्याओं से जूझना पड रहा है. बेहतर इलाज ना मिलने के चलते प्रसव के दौरान जच्चा और बच्चा दोनों को जान गंवानी पडती है. अभी हाल ही में भवाली में एम्बुलेंस के इंतजार में गर्भवती महिला और उसके बच्चे ने अपनी जान गवा दी. क्या इसी उत्तराखंड के लिए हमारी मातृशक्ति ने संघर्ष किया था? क्या इसी उत्तराखंड के लिए हंसा धनई और बेलमती चौहान ने कुरबानी दी थी? 21 साल बाद भी उत्तराखंड में सुरक्षित प्रसव की व्यवस्था न कर पाना हमारी नीति निर्माताओं के ऊपर कलंक है.
Source : News Nation Bureau