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Joshimath Crisis पर PMO की उच्च स्तरीय बैठक, सर्वे करने को सोमवार को पहुंचेंगी केंद्रीय एजेंसियां

Joshimath Crisis : उत्तराखंड के चमोली में स्थित जोशीमठ में धंसे घर और सड़क को लेकर राज्य सरकार राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार भी बेहद गंभीर है.

Updated on: 08 Jan 2023, 10:40 PM

नई दिल्ली:

Joshimath Crisis : उत्तराखंड के चमोली में स्थित जोशीमठ में धंसे घर और सड़क को लेकर राज्य सरकार राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार भी बेहद गंभीर है. जोशीमठ के घरों में आई दरारों के बाद जिला प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमें वहां के लोगों को दूसरे जगह शिफ्ट कर रही हैं. केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से जोशीमठ की वर्तमान स्थिति की जानकारी ली है. जोशीमठ संकट (Joshimath Crisis) पर पीएमओ (PMO) ने रविवार को हाईलेवल मीटिंग की है. 

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प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने रविवार को जोशीमठ (Joshimath Crisis) की वर्तमान स्थिति को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा की. इस बैठक में निर्णय लिया गया है कि लघु, मध्यम और दीर्घकालिक योजना तैयार करने में भारत सरकार की जांच एजेंसियां ​​और विशेषज्ञ अब राज्य सरकार की मदद कर रहे हैं. वहां की स्थिति के बारे में जायजा लेने के लिए पहले ही एनडीआरएफ की एक टीम और एसडीआरएफ की चार टीमें जोशीमठ पहुंच चुकी हैं. साथ ही जोशीमठ संकट से प्रभावित परिवारों को वहां से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है.

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इस बैठक के बाद खबर आ रही है कि सचिव सीमा प्रबंधन और एनडीएमए के सदस्य सोमवार को उत्तराखंड के जोशीमठ जाएंगे और जोशीमठ के घरों में आई दरारों और अन्य स्थिति (Joshimath Crisis) का जायजा लेंगे. इस बैठक में जोशीमठ संकट को लेकर मुख्य सचिव उत्तराखंड ने पीएमओ को विस्तार से जानकारी दी है. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, आईआईटी रुड़की, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी और सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों की टीमें जोशीमठ के बारे में गहन अध्ययन करेंगे और फिर अध्ययन रिपोर्ट सरकार को देंगी.