रूस और यूक्रेन की जंग में उत्तर कोरिया भी कूदा, पुराने हथियारों से किया हमला
आईएसएस पर जाने वाले पहले भारतीय बनेंगे ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला
दूसरे टी20 में इंग्लैंड ने वेस्टइंडीज को चार विकेट से हराया
'वीआईपी' प्रमुख मुकेश सहनी ने बिहार चुनाव से पहले पार्टी का थीम सॉन्ग 'है हक हमारा आरक्षण' जारी किया
केजरीवाल सरकार ने 11 साल में नहीं चलाया एक भी सामाजिक चेतना अभियान : वीरेंद्र सचदेवा
Indore couple missing: नए CCTV Video में Sonam को लेकर बड़ा खुलासा
भाजपा ने लोकतंत्र को मजाक बना कर रखा है : उदित राज
'पीएम, सीएम बनने का सपना सभी देख सकते हैं', चिराग पासवान पर बोले पप्पू यादव
Kerala Lottery Result: केरल लॉटरी का रविवार को धमाका, एक करोड़ रुपये की प्राइज मनी

इस साल भी कैलाश मानसरोवर यात्रा होनी मुश्‍किल, जानें कैसे चीन पर न‍िर्भरता होगी कम

Kailash Mansarovar Yatra News: बीते साल की तरह इस साल भी मानसरोवर यात्रा होने के आसार नहीं के बराबर हैं, लेकिन कुमाऊं मंडल विकास निगम कैलाश यात्रा के विकल्प के रूप में एक नया रूट तय कर रहा है, ताक‍ि श्रद्धालुओं की चीन पर निर्भरता भी पूरी तरह खत्म हो

author-image
Kuldeep Singh
New Update
Adi Kailash

इस साल भी कैलाश मानसरोवर यात्रा होनी मुश्‍किल, जानें क्या है प्लान( Photo Credit : न्यूज नेशन)

कोरोना के चलते इस साल भी मानसरोवर यात्रा पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. कुमाऊं मंडल विकास निगम ऐस में एक और प्लान करने में लगा है. कैलाश की ही तर्ज पर आदि कैलाश यात्रा शुरू करने की तैयारी की जा रही है. ऐसा इसलिए किया जा रहा है जिससे भारती की चीन पर निर्भरता पूरी तरह खत्म हो जाए. 1981 से कैलाश मानसरोवर यात्रा लगातार जारी है. पिछले साल कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस यात्रा को रोक दिया गया. मानसरोवर को दुनिया की सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा माना जाता है. इस साल भी ऐसी संभावना नजर नहीं आ रही हैं कि यात्रा हो. 

Advertisment

यह भी पढ़ेंः विपक्ष जिस पर उठा रहा था सवाल, PM ने वही टीका लगवाकर दिया बड़ा संदेश

कैलाश मानसरोवर यात्रा की तैयारी जोरों पर है. इस बार न तो विदेश मंत्रालय स्तर पर और न ही कुमाऊं मंडल विकास निगम ने यात्रा को लेकर कोई पहल की है. इस मामले में कुमाऊं मंडल विकास निगम के अध्यक्ष केदार जोशी का कहना है कि उनकी पूरी कोशिश है कि इस साल आदि कैलाश यात्रा को व्यापक स्तर पर आयोजित किया जा सके. केदार जोशी का मानना है कि इस यात्रा के शुरू होने से जहां एक विश्व विख्यात धार्मिक पर्यटन का ट्रैक विकसित होगा, वहीं चीन और नेपाल से सटे इलाके को पहचान भी मिलेगी. 

यह भी पढ़ेंः चाणक्य नीति: कभी भी जरूरत से ज्यादा सीधा न बनें, ऐसे लोगों के साथ ही होता है अत्याचार

दरअसल कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील तिब्बत में स्थित है. ऐसे में भारत की निर्भरता चीन पर है. आदि कैलाश का पूरा इलाका भारतीय सीमा में है. यही नहीं आदि कैलाश में कैलाश पर्वत के साथ ही पार्वती झील भी मौजूद है, जबकि ऊं पर्वत भी यही मौजूद है. खास बात यह है कि मानसरोवर यात्रा में यात्रियों की संख्या फिक्स रहती है, जबकि आदि कैलाश में जितनी मर्जी उतने तीर्थ यात्री जा सकते हैं. यही नही चाइना बॉर्डर को जोड़ने वाली लिपुलेख सड़क बनने के कारण यहां की राह भी आसान हो गई है. ऐसे में लोगों को इस रास्ते से जाने में परेशानी भी नहीं होगी. इसलिए इस रूट पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है. 

Source : News Nation Bureau

Kailash Mansarovar Yatra Adi Kailash Yatra
      
Advertisment