Uttarakhand: मुख्यमंत्री आवास में धूमधाम से मनाया गया इगास पर्व, CM धामी ने प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं

Uttarakhand: मुख्यमंत्री ने कहा कि 'हमारी लोक संस्कृति और परंपराएँ हमारी सबसे बड़ी धरोहर हैं, उन्हें बचाना और आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना हमारा सामूहिक दायित्व है'.

Uttarakhand: मुख्यमंत्री ने कहा कि 'हमारी लोक संस्कृति और परंपराएँ हमारी सबसे बड़ी धरोहर हैं, उन्हें बचाना और आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना हमारा सामूहिक दायित्व है'.

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Yashodhan Sharma
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CM Dhami budhi diwali celebration

CM Dhami budhi diwali celebration Photograph: (NN)

Budhi Diwali 2025: मुख्यमंत्री आवास में शनिवार को इगास पर्व बड़े हर्ष और उल्लास के साथ पारंपरिक व सांस्कृतिक गरिमा के बीच मनाया गया. इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) की उपस्थिति में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि इगास हमारी सांस्कृतिक पहचान, लोक आस्था और सामूहिक भावना का प्रतीक है.

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कलाकारों के बीच प्रस्तुतियों का लिया आनंद

कार्यक्रम में उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक कलाकारों और सांस्कृतिक दलों ने झूमेंलो, थड़िया, हारुल, चांचरी और जागर जैसे पारंपरिक नृत्य-गीतों की मनमोहक प्रस्तुतियां दीं, जिनसे पूरा परिसर लोकधुनों की गूंज से भर गया. मुख्यमंत्री धामी ने भी कलाकारों के बीच पहुंचकर प्रस्तुतियों का आनंद लिया और उन्हें प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा कि हमारी लोक संस्कृति और परंपराएं हमारी सबसे बड़ी धरोहर हैं, जिन्हें संरक्षित रखना और अगली पीढ़ी तक पहुंचाना हम सबका कर्तव्य है.

सीएम ने खेली भेलों

कार्यक्रम में आमंत्रित अतिथियों, जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, प्रवासी उत्तराखंडियों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. मुख्यमंत्री ने सभी को व्यक्तिगत रूप से शुभकामनाएं दीं और लोक परंपराओं के अनुरूप 'भेलों' खेलकर उत्सव की रौनक बढ़ाई. बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी में अपार उत्साह देखा गया.

cm dhami budhi diwali
cm dhami budhi diwali Photograph: (NN)

मुख्यमंत्री ने सभी कलाकारों व प्रतिभागियों को सम्मानित करते हुए कहा कि राज्य सरकार लोक कलाकारों के उत्थान और संस्कृति आधारित रोजगार को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है. उन्होंने इगास, बूढ़ी दीवाली और देव दीपावली के अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि उत्तराखंड की वेशभूषा, व्यंजन और परंपराएं हमारी अनमोल धरोहर हैं.

प्रवासी उत्तराखंडियों से की ये अपील

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इगास केवल उत्सव नहीं, बल्कि प्रकृति के प्रति कृतज्ञता और सांस्कृतिक गर्व का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि जब लोकगीतों की थाप और मांडणों की सजावट से घर-आंगन प्रफुल्लित होता है, तो ऐसा लगता है जैसे देवभूमि स्वयं मुस्कुरा रही हो. उन्होंने प्रवासी उत्तराखंडियों से अपील की कि वे अपने गांवों से जुड़ें और अपनी संस्कृति को जीवित रखें. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा' संकल्प को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दशक राज्य के समग्र विकास, रोजगार, पर्यटन और युवा सशक्तिकरण का होगा. अंत में उन्होंने कहा, 'इस इगास पर न केवल अपने घरों में दीप जलाएं, बल्कि अपने मन में भी संस्कृति के प्रति गर्व का दीप प्रज्वलित करें.'

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