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आपदा से बेघर हुए सैकड़ों परिवार, सरकार से लगाई गुहार

उत्तराखंड एक बार फिर प्राकृतिक आपदा से जूझ रही है. अचानक तेज बारिश के कारण हुए घटनाओं में अभी तक 64 लोगों की मौत हो गई है. राज्य में आई आपदा से 3500 लोगों को रेस्क्यू किया गया, जबकि 16 हजार लोगों को एहतियातन सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया.

Updated on: 21 Oct 2021, 09:26 PM

नई दिल्ली:

देवभूमि उत्तराखंड एक बार फिर प्राकृतिक आपदा से जूझ रही है. अचानक तेज बारिश के कारण हुए घटनाओं में अभी तक 64 लोगों की मौत हो गई है. राज्य में आई आपदा से 3500 लोगों को रेस्क्यू किया गया, जबकि 16 हजार लोगों को एहतियातन सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. बात करें नैनीताल जिले के भीमताल अलचोना के पांड्यछोड़ की तो भारी बारिश के बाद आधे से ज्यादा गांव के लोगो को बेघर हो गये हैं. गांव में 50 में से 30 परिवारों के घरों  में पहाड़ से आये मलबे ने ग्रमीणों के घर खेत सभी को तहस नहस कर दिया है.

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आपको बता दें गांव में भूस्खलन के कारण घरों में मलबा घुस गया है और अंदर रखा हुआ  सामान बाहर आ गया है. जिस रात ये तबाही आई थी. उस रात को याद कर ग्रामींण रो पड़ते हैं. उस रात के बाद से ग्रामीणों को दूसरी जगह सहारा लेना पड़ा है. इस गांव के एक परिवार में तो शादी का माहौल था. कुछ दिनों बाद शादी होनी थी लेकिन दहेज का पूरा सामान और जेवर सब इस आपदा की भेंट चढ़ गया.

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परिवार वालों का रो रो कर बुरा हाल है. आपदा में पाण्ड्यछोड़ गांव के ग्रामीण राज्य सरकार से मदद की मांग कर रहे हैं. सरकारी विभाग के कुछ अधिकारी यहां पर पहुंचे और मौका मुआयना कर चले गए. वही जिला पंचायत सदस्य द्वारा ग्रामीणों को मदद करने की बात कही गई है. आपदा से बचाव के लिए NDRF की 17 टीमें, SDRF की 7 टीमें, PAC की 15 कम्पनियां और पुलिस के 5 हजार जवान अभी भी बचाव व राहत में लगे हैं.