ग्राउंड जीरों की रिपोर्ट में विनाशकारी तस्वीरें सामने आई हैं. यहां पर लोगों से बातचीत में सामने आया कि सैलाब ने पूरे बाजार को तबाह कर दिया. तस्वीरें बता रही हैं कि किस तरह से सैलाब ने हर जगह नुकसान पहुंचाया. अब तक 400 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है. वहीं पांच लोगों की मौत की पुष्टि की गई है. हालांकि मलबे के ढेर में कई लोगों के दबे होने की आशंका है. लोगों को बचाने का काम जारी है. एनडीआरएफ की टीम यहां पर लोगों को खोजने का प्रयास कर रही हैं. मशीनों के माध्यम से लोगों को खंगालने की कोशिश हो रही है. बताया जा रहा है कि मलबा साठ फीट का है.
किसी भी दशा में नहीं छेड़ना चाहिए
उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र का कहना है कि मलबे को किसी भी दशा में नहीं छेड़ना चाहिए. खीर गंगा और भागीरथी खुद उसकी राह के हटा देगी. शेष मलबा जल्द ठोस अवस्था में आ जाएगा. मलबे पर जल्द ही वर्षभर के अंदर दोबारा से वनस्पति उगने लगेंगी. इसी तरह चमोली में वर्ष 1970 के दशक में जब बिरही की आपदा आई थी. कई किलोमीटर तक मलबा ही मलबा सामने आया था.
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