News State Conclave : सीएम ने महालक्ष्मी योजनाओं से महिलाओं की मदद की है : रेखा आर्या
बीजेपी जो कहती है वो करती है. गाय के लिए ढाई करोड़ रुपये अनुदान दे रहे हैं. लीज पर जमीन लेकर गौसदन खोल सकते हैं.
highlights
- हमने पशुपालकों और डेयरीपालकों को सिमन 100 रुपये में उपलब्ध कराया
- उत्तराखंड का मूल परिधान को एक पवित्र परिधान
- सीएम ने महालक्ष्मी योजना से महिलाओं की मदद की है
देहरादून:
News State Conclave:उत्तराखंड में अगले साल 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं. अभी राज्य को बने सिर्फ 21 साल ही हुए हैं, लेकिन इतने कम समय में इसने कई कीर्तिमान भी स्थापित किए हैं. हाल में प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन हुआ है. राज्य की कमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथों में हैं. 46 साल के पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) से लोगों को काफी उम्मीदें हैं. न्यूज स्टेट का मेगा कॉन्क्लेव में हो रहा है. इस मेगा कॉन्क्लेव- 21 का उत्तराखंड में महिला एवं बाल कल्याण मंत्री रेखा आर्या ने जनता के सवालों का जवाब दिया.
पुष्कर सिंह धामी जबसे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने हैं तबसे राज्य में महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा और हर स्तर पर उनके हित में सराहनीय कार्य कर रहे हैं. महालक्ष्मी योजना के तहत महिलाओं और बच्चों के लिए सारे किट उपलब्ध हैं. सीएम ने महालक्ष्मी योजनाओं से महिलाओं की मदद की है. उत्तराखंड की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री रेखा आर्य ने न्यूज नेशन कॉन्क्लेव में ये बातें कहीं. रेखा आर्या ने कहा कि कोरोना काल में उत्तराखंड सरकार ने वात्सल्य योजना बनाई . सीएम ने मामा की भूमिका बखूबी निभाई है.
उन्होंने कहा कि बीजेपी जो कहती है वो करती है. गाय के लिए ढाई करोड़ रुपये अनुदान दे रहे हैं. लीज पर जमीन लेकर गौसदन खोल सकते हैं. हमने पशुपालकों और डेयरीपालकों को सिमन 100 रुपये में उपलब्ध कराया. गाय का संरक्षण भी किया गया है.
रेखा आर्या ने कहा कि आम आदमी पार्टी उत्तराखंड में राजनीतिक पृष्ठभूमि बनाने में जुटी है. उत्तराखंड तो सैन्य धाम के नाम से भी जाना जाता है. अगर समस्या का समाधान नहीं निकल रहा है तो थाने खुले हैं. कर्नल कोठियाल अगर ईमानदार हैं तो वो विजिलेंस का सहारा लेते. जांच में ये पता नहीं चला है कि कर्नल कोठियाल से टेबल के नीचे से पैसा लिया गया हो.
रेखा आर्या ने कहा कि कंटेनमेंट जोन को छोड़कर सभी क्षेत्र में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने काम किया है. आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां सिर्फ सरकार की योजनाओं का काम नहीं करती हैं, बल्कि सर्वे समेत कई काम करती हैं. मैं उम्मीद करती हूं कि जल्द ही उनका मानदेय बढ़ा दिया जाएगा.
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उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र भी गांव के हिसाब से खुले हैं. आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को सबसे पहले ट्रेंड किया गया था कि कैसे खुद को सुरक्षित रखकर लोगों तक हेल्थ सुविधाएं पहुंचाई गईं.
उत्तराखंड के मूल परिधान को एक पवित्र परिधान बताते हुए रेखा आर्या ने कहा कि हमें अब घाघरा कम दिखते हैं. पहली बार उत्तराखंड को एक पहचान मिली है. लैंगिक समानताओं से लेकर हम बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ पर काम कर रहे हैं.
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