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उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी Photograph: (social media)
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय नेताओं में से एक हैं. युवाओं की परेशानियों को वह तत्परता से लेने की कोशिश करते हैं. इसका एक उदाहरण है कि युवाओं के बीच भर्ती प्रक्रिया को लेकर पनप रही सभी शंकाओं को उन्होंने एक झटके में दूर कर दिया है. इस दौरान सीएम ने कहा कि वे चाहते तो यह वार्ता उनके कार्यालय में भी हो सकती थी, मगर उन्होंने युवाओं से धरना स्थल पर ही संवाद करना बेहतर समझा. इस दौरान उन्होंने हर युवक से एक अभिभावक की तरह बात की.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सोमवार दोपहर को परेड ग्राउंड पहुंचे. उन्होंने धरना दे रहे युवाओं भरोसा दिलाया. अपने संक्षिप्त संबोधन में उन्होंने आंदोलन के कारण युवाओं को पेश आ रही दिक्कतों का उल्लेख करते हुए कहा कि युवा इस त्योहारी सीजन में इतनी गर्मी में आंदोलन कर रहे हैं, उन्हें खुद भी यह अच्छा नहीं लग रहा था. वे युवाओं को लेकर चिंतित हो रहे थे.
भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएंगे
इसके बाद मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि वे चाहते हैं कि ये बातचीत उनके कार्यालय में हो सकती थी. मगर उन्होंने खुद धरनास्थल पर आने का फैसला किया. वे भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और शंका से परे बनाने में पूरी तरह से युवाओं के साथ हैं. मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड के लोगों की आकांक्षाओं को स्वीकार करते हुए कहा कि वे जानते हैं कि हमारे समाज में सरकारी नौकरियों का क्या महत्व है?
युवाओं के सपनों को टूटने नहीं देना चाहती
सीएम बोले कि उत्तराखंड के युवा मात्र पढ़ाई नहीं करते हैं. वे नौकरी के लिए पढ़ाई करते हैं. इसी सरकारी नौकरी के दम पर उनके पास जीवन के तमाम रंगीन सपने होते हैं. ऐसे में सरकार युवाओं के सपनों को किसी भी कीमत पर टूटने नहीं देना चाहती है. इसी संकल्प के साथ उत्तराखंड में सख्त नकल विरोधी कानून को लागू किया. इसेक साथ ही चार साल में रिकॉर्ड 25 हजार नौकरियां प्रदान की गईं. इस बार सिर्फ एक शिकायत के आधार पर वे प्रकरण की सीबीआई जांच कराने को पूरी तरह से तैयार हैं. सीएम ने आंदोलन के दौरान युवाओं पर दर्ज मुकदमें भी वापस लेने का ऐलान किया.
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