बेटियों के लिए यूपी की योगी सरकार ने उठाया बड़ा कदम, कन्या विवाह सहायता योजना में हुआ बदलाव

यूपी की योगी सरकार की ओर से चलाई जा रही कन्या विवाह सहायता योजना के तहत बेटियों के विवाह में सरकार की ओर से आर्थिक मदद की जाती है. अब इसमें बड़ा बदलाव किया गया है.

यूपी की योगी सरकार की ओर से चलाई जा रही कन्या विवाह सहायता योजना के तहत बेटियों के विवाह में सरकार की ओर से आर्थिक मदद की जाती है. अब इसमें बड़ा बदलाव किया गया है.

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Dheeraj Sharma
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Yogi Government increase ammount of Kanya vivah yojana

उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश की जनता को लेकर समय-समय पर कई तरह की योजनाओं का संचालन करती है. युवा से लेकर महिलाओं और बुजुर्गों के लिए अलग-अलग स्कीम चलाई जा रही हैं. ऐसी ही एक योजना है जो बेटियों के लिए चलाई जाती है. इस योजना का नाम है कन्या विवाह सहायता योजना. यूपी की योगी सरकार की ओर से चलाई जा रही इस योजना के तहत बेटियों के विवाह में सरकार की ओर से आर्थिक मदद की जाती है.

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इसी कड़ी में अब यूपी भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की ओर से संचालित कन्या विवाह सहायता योजना में अहम बदलाव किया गया है. आइए जानते हैं क्या है बदलाव और इसका कैसे मिलेगा लाभ. 

सहायता राशि में किया गया इजाफा

यूपी की योगी सरकार की ओर से कन्या विवाह सहायता योजना के तहत दी जाने वाली आर्थिक सहायता राशि को बढ़ा दिया गया है.  यह योजना प्रदेश के पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की बेटियों और महिला श्रमिकों के विवाह को लेकर चलाई जाती है. 

सामूहिक विवाह पर अब मिलेगा 1 लाख रुपए प्रति जोड़ा

नए बदलाव के तहत अब यदि विवाह सामूहिक रूप से आयोजित किया जाता है और उसमें कम से कम 11 जोड़े शामिल होते हैं, तो सरकार प्रति जोड़ा  1,00,000 रुपए की सहायता प्रदान करेगी. यह राशि पहले 82,000 रुपए थी.

किसे मिलेगा सीधा लाभ

नए बदलाव के तहत सरकार ने 18000 रुपए की आर्थिक मदद और बढ़ा दी है. इस बढ़ोतरी का सीधा लाभ श्रमिक परिवारों को मिलेगा, जो सीमित संसाधनों में अपनी बेटियों की शादी के लिए संघर्ष करते हैं. 

पुरानी व्यवस्था में क्या मिलता था?

पहले की व्यवस्था के तहत विवाह करने वाले जोड़े को:

- 65,000 रुपए नकद सहायता

- वर-वधू की पोशाक के लिए 10,000 रुपए

- आयोजनकर्ता को प्रति जोड़ा 7,000 रुपए

यानी कुल मिलाकर 82,000 की आर्थिक सहायता दी जाती थी. 

सीएम योगी के आदेश के बाद हुआ बदलाव

बता दें कि ये बदलाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद किया गया है.  इस सहायता राशि को बढ़ाकर पूरे 1 लाख रुपए कर दिया गया है. इससे श्रमिक वर्ग को अधिक सम्मानजनक और सुरक्षित तरीके से विवाह कार्यक्रम आयोजित करने में मदद मिलेगी. 

योजना का लाभ कैसे मिलेगा?

इस योजना का लाभ लेने के लिए यह अनिवार्य है कि विवाह सामूहिक रूप से आयोजित हो और उसमें कम से कम 11 जोड़े सम्मिलित हों. विवाह समारोह स्थानीय निकाय, सामाजिक संगठनों या श्रमिक संघों की मदद से किया जा सकता है. 

सरकार का मकसद श्रमिकों को सशक्त बनाना

बता दें कि श्रम एवं सेवायोजन विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. एम. के. शन्मुगा सुंदरम के अनुसार, यह संशोधन राज्य सरकार की श्रमिकों के सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है. इससे न केवल आर्थिक बोझ कम होगा बल्कि सामूहिक विवाहों को भी बढ़ावा मिलेगा, जो सामाजिक समरसता का प्रतीक हैं. 

सरकार की यह पहल न केवल आर्थिक रूप से कमजोर श्रमिक वर्ग को राहत देगी, बल्कि सामूहिक विवाह जैसे सामाजिक आयोजनों को भी नई पहचान देगी. यह कदम राज्य में सामाजिक न्याय और श्रमिक कल्याण की दिशा में एक प्रभावी प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.

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