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योगी सरकार का बड़ा फैसला, UP में बिजली विभाग चीनी सामान का नहीं करेगा इस्तेमाल

भारत और चीन के बीच सीमी विवाद के बाद यूपी सरकार ने कड़ा फैसला लिया है. बिजली विभाग ट्रांसमिशन व उत्पादन के साथ ही किसी भी काम के लिए चीन से निर्मित उपकरण का उपयोग नहीं करेगा.

Updated on: 23 Jun 2020, 04:01 PM

नई दिल्ली:

भारत और चीन के बीच सीमी विवाद के बाद यूपी सरकार ने कड़ा फैसला लिया है. बिजली विभाग ट्रांसमिशन व उत्पादन के साथ ही किसी भी काम के लिए चीन से निर्मित उपकरण का उपयोग नहीं करेगा. इतना ही नहीं एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) द्वारा यूपी के लिए मुहैया कराए गए इंडोनेसिया से खरीदे गए स्मार्ट मीटर को उपभोक्ताओं के घरों पर लगाने पर रोक लगा दी गई है.

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मीटर की सप्लाई करने वाली इंडोनेशियाई कंपनी चीन की बताई जा रही है. उत्तर प्रदेश राज्य उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने ईईएसएल द्वारा राज्य में भेजे गए आठ हजार स्मार्ट मीटर के चीन निर्मित होने का दावा करते हुए इसे उपभोक्ताओं के घर न लगाने की मांग की गई थी.

परिषद ने ऊर्जामंत्री को दिए गए अपने प्रत्यावेदन में बताया था कि मूलतः चीन की कंपनी हेक्सिंग इलेक्ट्रिकल कंपनी लिमिटेड ने ही इंडोनेसिया में मुखौटा कंपनी खोलकर पीटी हेक्सिंग के नाम से मीटर का ऑर्डर लिया है. परिषद की शिकायत पर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने इसकी जांच के निर्देश दिए थे.

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इस बाबत UPPCL के निदेशक कॉमर्शियल एके श्रीवास्तव का कहना है कि जो 8000 मीटर आए हैं अभी उसमें से एक भी नहीं लगे हैं. EECL इस बात की जांच कर रही है कि क्या कंपनी चीन की है या नहीं. जांच के कारण मीटर लगाने पर रोक लग गई है. गौरतलब है कि कुछ साल पहले चीन में बने मीटर को लखनऊ तथा अन्य शहरी इलाकों में लगाया गया था. मीटर की गुणवत्ता सही न होने की शिकायत पर ये मीटर वापस ले लिए गए थे.