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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ( Photo Credit : न्यूज नेशन)
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ( Photo Credit : न्यूज नेशन)
केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब उत्तर प्रदेश की बारी है. योगी कैबिनेट का विस्तार अब तय हो गया है. मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बीजेपी और संघ की बैठक की गई. इसमें नए नामों को लेकर हरी झंडी मिल गई है. सूत्रों का कहना है कि 5 से 7 नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह और संगठन महामंत्री सुनील बंसल दिल्ली पहुंच गए. इस मंत्रिमंडल विस्तार को प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर काफी अहम माना जा रहा है. इसी महीने मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया जाएगा.
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मंत्रियों की नहीं होगी छुट्टी
सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार की तरह यूपी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में किसी भी मंत्री को नहीं हटाया जाएगा. संघ ने बीजेपी को सलाह दी है कि मौजूदा कैबिनेट से कोई भी मंत्री नहीं हटाया जाएगा. इससे फायदा होने की जगह नुकसान हो सकता है. प्रदेश बीजेपी ने संघ की इस बात को मान भी लिया है. बैठक में कुछ नामों पर चर्चा भी की गई. यूपी संगठन ने संभावित दस नामों की सूची तैयार कर सोमवार को दिल्ली में जेपी नड्डा और बीएल संतोष के साथ बैठक की. सूत्रों का कहना है कि इस सूची में से 5-7 नाम फाइनल कर लिए गए हैं. मंगलवार यानि आज गृहमंत्री अमित शाह के साथ भी एक बैठक होनी है. इसमें इन नामों पर चर्चा की जाएगी.
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जातीय गणित पर होगा जोर
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव दो देखते हुए बीजेपी और संघ का पूरा जोर जातीय गणित को साधने पर हैं. सूत्रों का कहना है कि जो सूची तैयार की गई है उसमें जातीय गणित का पूरा ध्यान रखा गया है. अगर मौजूदा यूपी कैबिनेट की बात करें तो सीएम के अलावा 22 कैबिनेट मंत्री, 9 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 21 राज्यमंत्री यानी कुल 53 लोग हैं. कैबिनेट में 60 लोग शामिल हो सकते हैं. इस वजह से अधिकतम सात नए मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है. कैबिनेट में दलित, पिछड़ा वर्ग के साथ ब्राह्मणों को भी प्रतिनिधित्व मिलने की संभावना है. माना जा रहा है कि नामित एमएलसी के अलावा निषाद पार्टी से कुछ नेताओं को जगह दी जा सकती है.
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