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मथुरा बाढ़ Photograph: (NN)
यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से मथुरा और वृंदावन के कई हिस्से बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. मंदिर घाट, परिक्रमा मार्ग और निचले रिहाइशी इलाके जलमग्न हो गए हैं. सड़कों पर नाव चलाने की नौबत आ गई है और न्यूज़ नेशन की टीम जब हालात का जायजा लेने पहुंची तो यहां पैदल चलना भी मुश्किल हो गया.
15 दिन तक नहीं आई है बिजली
स्थानीय लोगों का कहना है कि 15 दिनों से बिजली नहीं आई है. ऐसे में दवाइयों और अन्य जरूरी सामान की भारी कमी हो गई है. बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए हालात बेहद चुनौतीपूर्ण हैं. इन परिस्थितियों में कई परिवारों ने घर पर ही जुगाड़ की नाव बनाई है ताकि जरूरतमंदों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके. एक दंपत्ति ने दो दिन की मेहनत से नाव तैयार की और अब उसी से बुजुर्गों और बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं.
नाव ही सहारा
स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक साल के बीमार बच्चे को भी इन्हीं नावों की मदद से अस्पताल पहुंचाया गया. ग्रामीणों का कहना है कि मोटर गाड़ियां और बाइक सब बेकार हो गई हैं, पानी में सिर्फ नाव ही सहारा है.
यमुना मां का आशीवार्द है
हालांकि हालात मुश्किल हैं, लेकिन आस्था का रंग भी यहां अलग ही नजर आता है. वृंदावन के परिक्रमा मार्ग और गोवर्धन यात्रा मार्ग पर बाढ़ का पानी भर गया है, फिर भी श्रद्धालु नंगे पैर परिक्रमा करते देखे गए. उनका मानना है कि यह मां यमुना का आशीर्वाद है और पानी में भी परिक्रमा करने से “परम आनंद” की अनुभूति होती है.
यमुना से सटे सभी जिलों में बाढ़
स्थानीय श्रद्धालुओं ने कहा कि जहां दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम में पानी आफत बन जाता है, वहीं ब्रजभूमि में यही जल आस्था और भक्ति का प्रतीक बन जाता है. मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली और पश्चिमी यूपी में लगातार हो रही बारिश ने यमुना के जलस्तर को बढ़ा दिया है. बाढ़ का असर यमुना से जुड़े सभी जिलों में दिख रहा है. प्रशासन राहत कार्य में जुटा है, लेकिन पानी उतरने तक मुश्किलें बनी रहेंगी.
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