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योगी सरकार का बड़ा फैसला,वापस लौटे मजदूरों को 15 दिन का राशन और 1000 रुपए दिए जाएंगे

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में बताया कि अब तक प्रदेश में 20 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक, कामगार ट्रेनो और बसों के माध्यम से प्रदेश में लौट चुके है.

Updated on: 22 May 2020, 07:43 PM

लखनऊ:

देश के विभिन्न हिस्सों से उत्तर प्रदेश लौटे करीब 18 लाख प्रवासी मजदूर (Migrants workers ), कामगार जो पृथकवास केंद्र में रहने के बाद या लक्षण नहीं आने पर गृह पृथकवास के लिए अपने घरों में लौटे हैं उन्हें राज्य सरकार 15 दिन का राशन और 1000 रुपये बतौर भरण-पोषण राशि उपलब्ध करवाएगी. इस बीच, राज्य सरकार ने मास्क के बिना बाहर निकलने वालों पर सख्त रुख अख्तियार किया है और गत दो-तीन दिनों में पांच हजार लोगों से जुर्माना वसूला है. यह राशि प्रत्येक व्यक्ति 100 रुपये है. राज्य सरकार करीब एक हफ्ते पहले ही सार्वजनिक स्थल पर मास्क को अनिवार्य कर चुकी है.

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में बताया कि अब तक प्रदेश में 20 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक, कामगार ट्रेनो और बसों के माध्यम से प्रदेश में लौट चुके है. प्रदेश की 46,103 ग्राम पंचायतो में बने पृथकवास केंद्र के माध्यम से 16 लाख 8 हजार 184 श्रमिक गये है. इसी तरह नगरीय क्षेत्र के 6,202 मोहल्लो में बने पृथकवास केंद्र से दो लाख 24 हजार 639 लोग गये है.इस तरह प्रदेश में कुल 18 लाख 24 हजार लोग पृथकवास केंद्र के माध्यम से गये है.

100 रेलगाड़ियां प्रतिदिन चल रही हैं, मजदूरों का आना जारी

अवस्थी ने बताया कि प्रवासी श्रमिको के आने का सिलसिला अभी भी जारी है क्योंकि लगभग 100 रेलगाड़ियां प्रतिदिन आ रही है. अवस्थी ने बताया कि देश में सबसे अधिक प्रवासी कामगार उत्तर प्रदेश में आये हैं. प्रदेश में अब तक 1,199 श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों के माध्यम से लगभग 16.50 लाख से अधिक प्रवासी कामगार एवं श्रमिक को लाये जाने की व्यवस्था की गई है, इनमें से अब तक 930 रेलगाड़ियों से 12.33 लाख लोगों को प्रदेश में लाया जा चुका है. जबकि आज 117 रेलगाड़ियां आ रही हैं जो अगले 24-48 घंटे में प्रदेश के विभिन्न जनपदों में पहुंच जाएंगी.

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रोडवेज बसों का भी हो रहा इस्तेमाल 

उन्होंने बताया कि सभी जिलों के जिलाधिकारी द्वारा सम्बंधित जिलों में रेलगाड़ियों से आ रहे प्रवासी कामगारों/श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण कराकर उनको उनके घर तक पहुंचाया जा रहा है. अवस्थी ने बताया कि प्रथम चरण में विभिन्न प्रदेशों से 60 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं एवं अन्य लोगों को रोडवेज बस के माध्यम से प्रदेश में लाया गया है. द्वितीय चरण में हरियाणा से 4452, राजस्थान से 355 एवं मध्य प्रदेश से 1440 रोडवेज बसों के माध्यम से 2,17,685 लोगों को लाया गया है.

20 लाख से अधिक मजदूर यूपी में आ चुके हैं

उन्होंने बताया कि विभिन्न माध्यमों से लगभग 20 लाख से अधिक प्रवासी कामगार व श्रमिक अब तक प्रदेश में आ चुके हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कहीं भी, किसी भी जिले में कोई पैदल यात्रा न करें. प्रवासी कामगार व श्रमिक स्वयं तथा अपने परिवार को जोखिम में डालकर पैदल अथवा अवैध व असुरक्षित वाहन से घर के लिए यात्रा न करें. सरकार समस्त प्रवासी श्रमिकों के लिए सुरक्षित यात्रा हेतु पर्याप्त संख्या में बसों एवं रेलगाड़ियों की व्यवस्था कर रही है.

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खाद्यान्न पैकेट देकर गृह पृथकवास के लिए भेजा जाए

अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिये कि प्रवासी कामगारों की सकुशल वापसी के साथ ही उन्हें पृथकवास केंद्र में सुरक्षित ले जाएं. थर्मल स्कैनिंग के पश्चात जो स्वस्थ हों उन्हें खाद्यान्न पैकेट देकर गृह पृथकवास के लिए भेजा जाए. जिनमें लक्षण दिखायी दें उन्हें पृथकवास केंद्र अथवा पृथक वार्ड भेजा जाए. उन्होंने कहा कि अब तक 20 लाख से अधिक प्रवासी कामगार व श्रमिक उत्तर प्रदेश में सकुशल वापस आये हैं. इनकी संख्या को देखते हुए प्रत्येक पृथकवास केंद्र में इन्फ्रा रेड थर्मामीटर तथा पल्स ऑक्सीमीटर (शरीर में ऑक्सीजन का स्तर जांचने की मशीन) की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.

रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में भी तेजी से कार्य किया जाए

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी प्रवासी कामगारों व श्रमिकों को 15 दिन के खाद्यान्न किट के साथ-साथ उन्हें नियमित तौर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए उनका राशन कार्ड बनवाया जाए. गृह पृथकवास के दौरान इन्हें 1000 रुपये का भरण पोषण भत्ता भी उपलब्ध कराया जाए. प्रवासी कामगारों व श्रमिकों को पृथकवास केंद्र में रखने के दौरान ही उनके कौशल संबंधी जानकारी को रिकॉर्ड किया जाए. गृह पृथकवास पूरा करने के साथ ही उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में भी तेजी से कार्य किया जाए. उन्होंने खाद्य एवं रसद विभाग को हर जरूरतमन्द को निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने में योगदान देने के निर्देश दिये.