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काशी से विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता गंगा जल के साथ महापुरुषों की जन्मभूमि की मिट्टी लेकर अयोध्या रवाना

अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए गुरुवार को गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम से मिट्टी और जल यहां पहुंचेगी.

Updated on: 31 Jul 2020, 08:41 AM

वाराणसी:

अयोध्या (Ayodhya) में 5 अगस्त को राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए गुरुवार को गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम से मिट्टी और जल यहां पहुंचेगी. अयोध्या में बनने वाले भव्य राम मंदिर के भूमिपूजन के लिए देशभर से पवित्र नदियों का जल और मिट्टी अयोध्या भेजी जा रही हैं. ऐसे में महादेव की नगरी काशी से विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता भी पवित्र गंगा जल और महापुरुषों की जन्मभूमि और कर्मभूमि की मिट्टी लेकर अयोध्या रवाना हुए. वाराणसी (Varanasi) से आज विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता और पदाधिकारी काशी से मां गंगा के जल के अलावा काशी के कबीर मठ और भगवान बुद्ध के तप स्थली की भी मिट्टी, बाबा कीनाराम की मिट्टी और मां विंध्यवासिनी के स्थल की मिट्टी के साथ अयोध्या में होने वाले राम मंदिर (Ram Mandir) शिलान्यास के लिए रवाना हुए हैं.

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बुधवार को मंत्रों के जाप के बीच विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेताओं को मिट्टी और जल सौंप दिया गया. विहिप के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल इस मिट्टी और जल को लेकर अयोध्या पहुंच रहे हैं. गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर से मिट्टी भी भूमि पूजन के लिए अयोध्या भेजी गई है. विहिप के धमार्चार्य संपर्क प्रमुख शंभू और प्रांत संगठन मंत्री मुकेश कुमार और मेजा निवासी अनुसूचित जनजाति के संजू लाल आदिवासी ने बुधवार को वैदिक परंपरा के माध्यम से पूजन करते हुए पवित्र मिट्टी और जल का संग्रह किया. मिट्टी और जल के साथ विहिप के नेता महावीर भवन गए और राम मंदिर के लिए सिंघल के योगदान और प्रयासों को याद किया.

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इसके बाद विहिप के कार्यकर्ता पवित्र मिट्टी को लेकर विहिप कार्यालय केसर भवन ले गए. विहिप नेता ने कहा, 'संगम के पवित्र मिट्टी और जल के अलावा काशी विश्वनाथ की मिट्टी, श्रृंगवेरपुर के पानी सहित कई अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों की पवित्र मिट्टी व पानी का संग्रह कर 5 अगस्त से पहले अयोध्या पहुंचाया जाएगा, जिनमें कबीर मठ, महर्षि भारद्वाज आश्रम और सीतामढ़ी शामिल हैं.'