संत रविदास की जयंती को लेकर उनकी जन्मस्थली काशी में जश्न का माहौल है. देश-विदेश से आने वाले के लिए खास व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही काशी विश्वनाथ मंदिर में जाने के लिए और माघी पूर्णिमा स्नान के लिए भी अच्छी व्यवस्था की गई है. ऐसा कहा जा रहा है कि माघी पूर्णिमा के दिन 50 लाख लोग काशी में पहुंचेंगे.
वाराणसी में संत रविदास की जयंती के लिए उनकी जन्मस्थली सज-संवर कर तैयार हो चुकी है. सजावट के साथ ही देश-विदेश से आने वाले अनुयायियों को लेकर प्रशासन अलर्ट है. 10 हजार से अधिक सेवादार पूरी व्यवस्था को संभाले हुए हैं. सुबह से रात तक लंगर चल रहा है.
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संत रविदास जयंती के लिए तैयारी पूरी
वाराणसी प्रशासन ने साफ किया है कि माघी पूर्णिमा और संत रविदास जयंती के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है. किसी को कोई असुविधा न हो इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है. साथ ही माघी पूर्णिमा के स्नान और काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए भी जो व्यवस्था रखी गई, उसकी देखरेख की जा रही है.
अगले 48 घंटे में यहां 50 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुचेंगे. भारी भीड़ के तीन संयोग बने हैं. पहला माघी पूर्णिमा, दूसरा संत रविदास जयंती और तीसरा महाकुंभ. मंगलवार दोपहर तक ही 15 लाख से ज्यादा श्रद्धालु काशी पहुंच चुके हैं. चार लाख बाबा विश्वानाथ के दर्शन कर चुके हैं. बुधवार को रविदास जयंती कार्यक्रम में करीब 15-20 लाख श्रद्धालुओं के शामिल होने के आसार हैं.
श्रद्धालुओं की 5 किमी.लंबी लाइन लगी
मंगलवार दोपहर तक काशी में घाट से लेकर मंदिर तक श्रद्धालुओं की 5 किमी.लंबी लाइन लगी देखी गई. वहीं संत रविदास मंदिर में पांच लाख से अधिक लोग पंजाब से पहुंच गए हैं. लोगों को दिक्कत न हो, इसके लिए सीएम योगी के निर्देश पर पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने इमरजेंसी क्राउड मैनेजमेंट प्लान लागू किया है.