logo-image

भगवती श्रृंगार गौरी की पूजा के लिए याचिका पर 9 अप्रैल को होगी सुनवाई

माता श्रृंगार गौरी तथा आदि विशेश्वर के पूजा के अधिकार पर अधिवक्ता मदनमोहन यादव एडवोकेट ने अपना पक्ष जोरदार ढंग से रखते हुए संविधान के अनुच्छेद 25 का हवाला देते हुए कहा कि स्तवन- पूजन, दर्शन हिन्दूओं का मौलिक अधिकार है. 

Updated on: 11 Mar 2021, 05:52 PM

highlights

  • माता श्रृंगार गौरी के लिए तीन लोगों ने दायर की हैं याचिका 
    माता श्रृंगार गौरी की पूजा के अधिकार के लिए दायर है याचिका
    कोर्ट ने कहा-दूसरे पक्ष को बुलाएंगे फिर देंगे कोई फैसला

वाराणसी:

बृहस्पतिवार को सिविल जज सीनियर डिविज़न- वाराणसी की कोर्ट में  श्री आदि विशेश्वर और भगवती श्रृंगार गौरी की पूजा के अधिकार से सम्बंधित याचिका पर विपक्षी मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता द्वारा दलिल दी गयी. साथ ही माता श्रृंगार गौरी तथा आदि विशेश्वर के पूजा के अधिकार पर अधिवक्ता मदनमोहन यादव एडवोकेट ने अपना पक्ष जोरदार ढंग से रखते हुए संविधान के अनुच्छेद 25 का हवाला देते हुए कहा कि स्तवन- पूजन, दर्शन हिन्दूओं का मौलिक अधिकार है. सम्बंधित याचिका पर विपक्षी मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता द्वारा दलिल दी गयी कि ज्ञानवापी मस्जिद सेन्ट्रल वप्फ की सम्पदा होने के कारण 1995 - वप्फ एक्ट से बार्ड करता है. 

यह भी पढ़ें : राहुल गांधी का मोदी सरकार पर हमला, कहा- अब भारत एक लोकतांत्रिक देश नहीं रहा

1-  यह अपील 1991 के पूजा स्थल उपलब्ध विधेयक से बांधित है.
2- यह श्री विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट अधिनियम की सम्पदा होने के कारण ये किस हैसियत से आये हैं 
3- ज्ञानवापी मस्जिद सेन्ट्रल वप्फ की सम्पदा होने के कारण 1995 - वप्फ एक्ट से बार्ड करता है. 
4- चूंकि इस याचिका में यूपी सेन्ट्रल बोर्ड पार्टी बनाया गया है और अंजुमन इंतजामिया मसाजिद उसी का अंग है. अतः हमारे खिलाफ जो भी मुकदमा होगा वह वप्फ बोर्ड ट्रिब्यूनल को जायेगा. अतः यह याचिका पोषणीता पर खारिज किया जाय.

यह भी पढ़ें : अब तक भारत में 2.43 करोड़ टीकाकरण किए गए, कोरोना से महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्रभावित

माता श्रृंगार गौरी तथा आदि विशेश्वर के पूजा के अधिकार पर अधिवक्ता मदनमोहन यादव एडवोकेट ने अपना पक्ष जोरदार ढंग से रखते हुए संविधान के अनुच्छेद 25 का हवाला देते हुए कहा कि स्तवन- पूजन, दर्शन हिन्दूओं का मौलिक अधिकार है.  हमारे मौलिक अधिकार से हमें कोई वंचित नहीं कर सकता है तथा भगवान आदि विशेश्वर व भगवती श्रृंगार गौरी के ऊपर से कथित मस्जिद हटाया जाये. कोर्ट ने अगली तिथि- 18 3-21 है .

यह भी पढ़ें : काशी में मुस्लिम समुदाय ने शिवभक्तों पर बरसाए फूल, पेश की गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल