Utter Pradesh CM Yogi Adityanath (Photo Credit: File)
New Delhi:
Utter Pradesh: उत्त प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार अपने फैसलों को लेकर चर्चा में बने रहते हैं. एक बार फिर सीएम योगी के सख्त तेवर नजर आए हैं. इस बार मामला है हलाल सर्टिफिकेशन उत्पादों की बिक्री का. दरअसल योगी सरकार हलाल सर्टिफिकेशन से जुड़े प्रोडक्ट की बिक्री पर रोक लगाने की तैयारी में है. कुछ कंपनियों ने हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर अपना कारोबार चला रखा है, ऐसी कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इस तरह की कंपनियों में डेयरी, कपड़ा, चीनी, नमकीन, मसाले और साबुन जैसे प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियां शामिल हैं.
क्या है पूरा मामला
दरअसल प्रदेश में कई कंपनियां जिनमें डेयरी, चीनी, नमकीन और कपड़ा शामिल हैं वो पिछले लंबे समय से अपने उत्पादों को हलाल सर्टिफिकेशन के साथ बेच रही हैं. ऐसे में इन कंपनियों और ऐसे उत्पादों की बिक्री को लेकर अब यूपी सरकार सख्त नजर आ रही है. सीएम आदित्यनाथ योगी ने मामले को खुद संज्ञान में लेते हुए इस पर कार्रवाई करने की तैयारी की है. बताया जा रहा है कि इसको लेकर बड़ी कार्रवाई हो सकती है.
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सर्टिफिकेशन को लेकर कड़े नियम
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि सीएम योगी ना सिर्फ हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट की बिक्री और इन कंपनियों पर नकेल कसने के मूड में हैं बल्कि सर्टिफिकेशन को लेकर कड़े नियम भी जल्द ही लाए जा सकते हैं.
कंपनियों के खिलाफ FIR
मिली जानकारी के मुताबिक जो कंपनियां हलाल सर्टिफिकेशन बताकर अपने उत्पाद बेच रही हैं. उनके खिलाफ भी हजरतगंज कोतवाली में प्राथमिकी यानी FIR दर्ज की गई है. ये शिकायत शैलेंद्र शर्मा नाम के व्यक्ति की ओर से की गई थी.
इसमें कहा गया है कि हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, जमीयत उलेमा हिंद हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाला काउंसिल ऑफ इंडिया मुंबई और जमीयत उलेमा महाराष्ट्र मुंबई हलाल सर्टिफिकेशन देकर अपने उत्पाद बेच रहे हैं. इसके साथ ही कुछ अज्ञान कंपनियों के खिलाफ भी आईपीसी की धारा 120b/153a/298,467,505 और 384 समेत अन्य धारों में केस दर्ज किए गए हैं.
क्यों हलाल से दिक्कत
दरअसल रेख्ता डिक्शनरी की मानें तो हलाल और हराम दोनों ही अरबी के वर्ड हैं. इस्लाम में हलाल का अर्थ होता है जो इस्लामी धर्म के मुताबिक उचित और अनुमोदित हो. यही नहीं शरीअत के अनुसार भी जिसका ग्रहण या भोग सही हो. इसके अलग हराम वर्ड से मतलब है जो, इस्लामी धर्म में वर्जित हो त्याग करने वाला हो, जो बुरा हो दूषित हो, अप्रिय हो भोग करने लायक ना हो. इसे अधर्म और पाप से जोड़कर भी देखा जाता है.
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यही वजह है कि कुछ कंपनियां अपने उत्पादों को बिना किसी आधार के हलाल सर्टिफिकेशन देकर बेच रही हैं. जबकि इसके नियमों के मुताबिक ये उत्पाद उस स्तर पर उचित नहीं है. लिहाजा अब यूपी सरकार ऐसे लोगों और कंपनियों के लिए कड़ी कार्रवाई करने के मूड में है.