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मंडुआडीह रेलवे स्टेशन अब 'बनारस' कहलाएगा

17 अगस्त को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के लिए मंजूरी दे दी थी. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया था कि मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर बनारस करने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया है.

Updated on: 18 Sep 2020, 07:52 AM

वाराणसी:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र का पूवरेत्तर रेलवे के मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम अब बनारस हो गया है. उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने नाम बदलने की अनुमति दे दी है. 18 अगस्त को मंडुवाडीह स्टेशन का नाम बदलकर बनारस रखने का गृह मंत्रालय से आदेश पत्र जारी हो गया था. इसके बाद से अन्य कागजी तैयारियों ने जोर पकड़ लिया था. बनारस स्टेशन नामकरण को अब राज्यपाल ने भी हरी झंडी दे दी है.

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रेलमंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर इस संबंध में जानकारी दी. उन्होंने लिखा, प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के मंडुआडीह स्टेशन को अब पूरे देश में लोकप्रिय और प्रसिद्ध नाम बनारस से जाना जाएगा. उत्तर प्रदेश के महामहिम राज्यपाल द्वारा, केंद्र सरकार के अनापत्ति पत्र के आधार पर, इस स्टेशन का नाम परिवर्तित कर बनारस रखने की अनुमति दी गई.


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इससे पहले 17 अगस्त को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के लिए मंजूरी दे दी थी. मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन पर कुल आठ प्लेटर्फार्म हैं. वाराणसी-नई दिल्ली की सबसे महत्वपूर्ण ट्रेन शिवगंगा एक्सप्रेस, ग्वालियर के लिए बुंदेलखंड एक्सप्रेस, आधा दर्जन प्रमुख ट्रेनों का संचालन होता है.