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रेडिमेड गारमेंट्स सेक्टर का हब बनेगा गोरखपुर, कारीगरों को मिलेगी बड़ी राहत

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर जिले के दूसरे ओडीओपी उत्पाद के रूप में शामिल रेडीमेड गारमेंट्स के स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी आज से शूरू हो गई है.

Updated on: 16 Mar 2021, 04:52 PM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश का गोरखपुर रेडिमेड गारमेंट्स सेक्टर का हब बनने कि दिशा में एक कदम और आगे बढ़ रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर जिले के दूसरे ओडीओपी उत्पाद के रूप में शामिल रेडीमेड गारमेंट्स के स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी आज से शूरू हो गई है. ये प्रदर्शनी पूरे सप्ताह पर चलेगी. माना जा रहा है कि इस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए यह प्रदर्शनी बड़ा प्लेटफार्म उपलब्ध कराएगी. बता दें कि गोरखपुर नब्बे के दशक तक हैंडलूम उत्पादों का बड़ा केंद्र हुआ करता था. सरकारों की अनदेखी के कारण यह सेक्टर बदहाल होने लगा तो यहां का सेक्टर से जुड़े बहुतेरे कारीगर दिल्ली, सूरत, लुधियाना जाकर रेडीमेड गारमेंट्स की फैक्ट्रियों में सिलाई का काम करने लगे.

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साल 1998 से लेकर 2017 तक गोरखपुर के सांसद के रूप में योगी आदित्यनाथ हमेशा हैंडलूम से जुड़े बुनकरों का मुद्दा लोकसभा में उठाते रहे हैं.  2017 में प्रदेश की कमान संभालने के बाद उन्होंने बुनकरों की बदहाली दूर करने के साथ ही यहां रेडीमेड गारमेंट्स सेक्टर की व्यापक संभावनाओं का रोडमैप भी तैयार कराया. सीएम योगी की पहल पर रेडीमेड गारमेंट्स को टेराकोटा के बाद रेडीमेड गारमेंट्स को गोरखपुर की एक जिला एक उत्पाद योजना में शामिल किया गया है. इस योजना के तहत बीते कुछ महीनों में रेडीमेड गारमेंट्स की यूनिट जिले में तेजी आने लगी है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर को रेडीमेड गारमेंट्स का हब बनाने की घोषणा कर चुके हैं. उद्यमियों को सरकार की तरफ से हर स्तर पर मदद दिए जाने के साथ ही सीएम ने यहां अलग से गारमेंट पार्क बनाने की बात भी कही थी. इसी के तहत गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र के भीटीरावत में पचास एकड़ में गारमेंट पार्क बनने जा रहा है.

योगी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ओडीओपी में शामिल रेडीमेड गारमेंट्स को बढ़ावा देने के लिए जिला उद्योग केंद्र की ओर से टाउनहाल मैदान में सात दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन आज से किया जा रहा है. यहां 60 स्टालों पर स्थानीय स्तर पर उत्पादित रेडीमेड गारमेंट को बड़ा मंच मिल रहा है. लोग उन उत्पादों की जानकारी लेने के साथ ही इनकी खरीदारी भी कर रहे हैं. इस समय गीडा गोरखपुर में लेगिंग्स, टीशर्ट, शर्ट, जींस, स्कूल ड्रेस व होजरी के उत्पाद बनाए जा रहे हैं.

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इस कार्यक्रम का इंतजार गोरखपुर में कपड़ा उद्योग से जुड़े हुए हर किसी को था क्योंकि यहां पर अच्छी क्वालिटी के कपड़े तो बनाए जाते हैं लेकिन उनकी ब्रांडिंग और प्रमोशन नहीं हो पाता है. ऐसे में सरकार की इस कोशिश से लोग काफी खुश नजर आ रहे हैं और जिस तरह से यहां होलसेल और रिटेल गारमेंट इंडस्ट्री से जुड़े हुए लोग आ रहे हैं उसको देखकर निर्माताओं का उत्साह काफी बढ़ा हुआ है. कार्यक्रम की सफलता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कांग्रेस से जुड़े हुए लोग भी सरकार के इस कदम की तारीफ कर रहे हैं और उनको इसमें काफी उम्मीदें नजर आ रही हैं.

इस प्रदर्शनी में यहां पर यह जानकारी भी दी जा रही है कि ओडीओपी के तहत अनुदानित लोन लेकर कैसे रेडीमेड गारमेंट की यूनिट लगाई जा सकती है. यही नहीं, रेडीमेड गारमेंट्स प्रदर्शनी के दौरान केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय के अधीन कार्यरत  नार्दन इंडिया टेक्सटाइल रिसर्च एसोसिएशन (निट्रा) द्वारा उद्यमियों को कल से 19 मार्च तक प्रशिक्षित भी किया जाएगा. यह प्रशिक्षण रेडीमेड गारमेंट्स के उत्पादन, डिजाइन एवं निर्यात पर केंद्रित होगी.

गोरखपुर में कपड़ा उद्योग पिछले कुछ दशकों से काफी बदहाल हो चला था और अच्छी क्वालिटी के कपड़े बनने के बावजूद यहां कपड़ा निर्माताओं की लागत भी नहीं निकल पाती थी लेकिन अब जिस तरह से योगी सरकार इस उद्योग को प्रमोट कर रही है. इस इंडस्ट्री में निवेश करने के लिए प्रदेश और देश के बड़े शहरों से लोग गोरखपुर आ रहे हैं. उसे देखकर यह कहा जा सकता है कि आने वाले समय में पूरे उत्तर प्रदेश में गोरखपुर कपड़ा उद्योग के लिए सबसे अधिक जाना जाएगा.