/newsnation/media/post_attachments/images/2023/06/18/keshav-prasad-maurya-90.jpg)
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य( Photo Credit : ANI)
Uttar Pradesh : लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर विपक्षी दलों की बैठक बिहार की राजधानी पटना में 23 जून को होने वाली है. इस बैठक में 21 दलों के वरिष्ठ नेता शिरकत करेंगे और एनडीए को सत्ता से बाहर करने की रणनीति पर विस्तार से चर्चा होगी. इस बीच समाजवादी पार्टी के प्रमुख और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने का नया फॉर्मूल दिया है. इस पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (UP Deputy CM Keshav) ने सपा पर जमकर निशाना साधा है और पीडीए का मतलब बताया है.
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने रविवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मैं पीडीए का मतलब बता रहा हूं. P का अर्थ है परिवारवाद, D से दंगा और A से अपराधियों का संघ, इसलिए उनका पीडीए (PDA) वह नहीं है, जो वे (अखिलेश यादव) बता रहे हैं. पिछड़े वर्ग ने उनको पहले ही नकार दिया है. दलित उनको देख नहीं सकता, क्योंकि उन्होंने सत्ता में रहते हुए उनका काफी दमन किया है.
#WATCH मैं इसका मतलब बता रहा हूं। P का मतलब परिवारवाद, D से दंगा और A से अपराधियों का संघ इसलिए उनका PDA वह नहीं जो वे (अखिलेश यादव) बता रहे हैं। पिछड़े वर्ग ने उनको नकार दिया है। दलित उनको देख नहीं सकता क्योंकि सत्ता में रहते हुए उन्होंने काफी दमन किया है...: उत्तर प्रदेश के… https://t.co/VGtAvxxg6wpic.twitter.com/ON0Ltexhne
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 18, 2023
आपको बता दें कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य डिप्टी सीएम बस्ती में एक विशाल जनसभा को संबोधित करने के बाद वापस लखनऊ लौट रहे थे. हवाई मार्ग से लखनऊ जाते समय अयोध्या धाम में निर्मित हो रहे प्रभु श्री राम के मंदिर के दर्शन किए और 2024 के लोकसभा चुनाव में कमल वाली सरकार के लिए प्रार्थना की.
यह भी पढ़ें : दिल्ली यूनिवर्सिटी के साउथ कैंपस में छात्र की चाकू मारकर हत्या, जानें पूरा मामला
आपको बता दें कि इससे पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एनडीए से मुकाबले के लिए पीडीए का फॉर्मूला दिया था. उन्होंने कहा कि पीडीए एकता ऐसी है, जिसमें पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक, मुसलमान भाई, इनके साथ सबसे ज्यादा भेदभाव हो रहा है. मैंने सबको शामिल किया है. बीजेपी 2014 से जीत रही है, इसलिए 2024 में इनका जाना अब तय है, क्योंकि इनके पास मंहगाई को लेकर कोई भी जवाब नहीं है.