Invest UP की बड़ी पहल, यहां बेकार पड़ी जमीन बनेगी उद्योग का हब, हो सकता है करोड़ों का निवेश

Invest UP: अगर आप उत्तर प्रदेश से हैं तो खबर आपके लिए बड़े काम की साबित होने वाली है. यहां जिसको भी लगता है कि उसकी जमीन किसी काम नहीं तो जरा ठहरें और योगी सरकार की इस पहल पर गौर करें.

Invest UP: अगर आप उत्तर प्रदेश से हैं तो खबर आपके लिए बड़े काम की साबित होने वाली है. यहां जिसको भी लगता है कि उसकी जमीन किसी काम नहीं तो जरा ठहरें और योगी सरकार की इस पहल पर गौर करें.

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Yashodhan.Sharma
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CM Yogi Invest UP

CM Yogi Adityanath Photograph: (Social)

Invest UP: अगर आप उत्तर प्रदेश से हैं तो ये खबर आपके लिए ब सरकार ने औद्योगिक निवेश और रोजगार सृजन को गति देने के लिए ऐतिहासिक फैसला लिया है. अब राज्य की शत्रु संपत्ति और नजूल भूमि, जो लंबे समय से अनुपयोगी स्थिति में थीं, औद्योगिक विकास के लिए इस्तेमाल की जाएंगी. शासन ने सभी जिलों से ऐसी जमीनों का विवरण और रिपोर्ट मांगी है. यह कदम न केवल बेकार पड़ी जमीनों के उपयोग का मार्ग प्रशस्त करेगा, बल्कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश और रोजगार के अवसर भी खोलेगा.

कितनी है उपलब्ध जमीन?

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  • राज्य में शत्रु और नजूल संपत्तियों की संख्या और क्षेत्रफल काफी बड़ा है.
  • शत्रु संपत्ति : कुल 5,936 संपत्तियां, लगभग 12,500 एकड़ जमीन
  • नजूल भूमि : 20,000 एकड़ से अधिक जमीन

पहले ये जमीनें कानूनी उलझनों या निष्क्रिय स्थिति में थीं. अब इन्हें उद्योग, औद्योगिक पार्क और वेयरहाउस जैसी परियोजनाओं के लिए चिन्हित किया जा रहा है.

निवेश और रोजगार की संभावनाएं

  • Invest UP द्वारा तैयार प्रारंभिक आकलन रिपोर्ट के अनुसार इस योजना से प्रदेश में अभूतपूर्व आर्थिक अवसर पैदा होंगे.
  • करीब ₹3 लाख करोड़ का निवेश आकर्षित होने की संभावना.
  • 2 से 4 लाख तक नए रोजगार सृजित होंगे.
  • लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, अलीगढ़ और गाजियाबाद जैसे प्रमुख शहरों को सबसे अधिक लाभ मिलेगा.

यह कदम प्रदेश को निवेशकों के लिए और अधिक आकर्षक बनाएगा.

शत्रु संपत्ति और नजूल भूमि क्या है?

शत्रु संपत्ति: 1962, 1965 और 1971 के युद्धों के दौरान पाकिस्तान या चीन जाकर बसने वाले नागरिकों द्वारा छोड़ी गई संपत्तियां. इनका स्वामित्व अब केंद्र सरकार के पास है.

नजूल भूमि: सरकारी स्वामित्व वाली जमीन, जो नगर निकायों और विकास प्राधिकरणों के अधीन होती है.

अब पहली बार इन दोनों प्रकार की जमीनों को उद्योगों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा.

Invest UP की भूमिका

पूरी प्रक्रिया का नोडल विभाग Invest UP को बनाया गया है. विभाग ने जिलों से जमीनों का पूरा विवरण और नक्शा मांगा है. इसके बाद निवेशकों को जमीन आवंटन की प्रक्रिया शुरू होगी.

आर्थिक नक्शे में बड़ा बदलाव

यह पहल उत्तर प्रदेश को ‘वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी’ के लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ाने में मदद करेगी. अब तक बेकार पड़ी जमीनें उद्योग और निवेश की नई पहचान बनेंगी. यह न केवल प्रदेश की औद्योगिक छवि को मजबूत करेगा, बल्कि लाखों युवाओं को रोजगार का अवसर भी प्रदान करेगा.

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